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संविधान की प्रस्तावना का वाचन एवं परिचर्चा का आयोजन

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संविधान की प्रस्तावना का वाचन एवं परिचर्चा का आयोजन
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विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग ने संविधान दिवस पर ‘हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान’ एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को एक समान अधिकार प्रदान करता है। इसमें किसी भी नागरिक के साथ वर्ण, जाति, क्षेत्र आदि किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।

मुख्य अतिथि मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार ने कहा कि संविधान ही हमारा सबसे बड़ा धर्मग्रंथ है। संविधान की मूलभावना की रक्षा हम सबों का कर्तव्य है।

रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. नरेश कुमार ने कहा कि संविधान लागू होने के बाद ही हमें असली आजादी मिली। इसलिए संविधान दिवस स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व की तरह महत्वपूर्ण है।

भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. उमाशंकर चौधरी ने कहा कि अंग्रेज यह सोचते थे कि भारतीय अपना कानून नहीं बना सकते हैं। हमने अपना संविधान बनाकर अंग्रेजों द्वारा प्रचारित मिथक को तोड़ दिया।

इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर मिथिलेश कुमार एवं डॉ. कल्पना मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर और धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर (सीनियर स्केल) प्रियंका ने किया। इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार, अमित विश्वकर्मा, यतिन्द्र कुमार मुन्ना, मनीष कुमार, राजू कुमार, राजेश कुमार, पिंटू कुमार आदि उपस्थित थे।

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