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याद किए गए कर्पूरी ठाकुर। बिहार के विकास में कर्पूरी ठाकुर ने दिया अहम योगदान : प्रधानाचार्य।

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*याद किए गए जननायक कर्पूरी ठाकुर*
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बिहार के विकास में कर्पूरी ठाकुर ने दिया अहम योगदान : प्रधानाचार्य

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में शुक्रवार को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं सेहत केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में जननायक कर्पूरी ठाकुर ( 24 जनवरी, 1924 से 17 फरवरी, 1988) की 101वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा सह परिचर्चा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के दरभंगा (अब समस्तीपुर) जिले के पितौंझिया गाँव (अब कर्पूरी ग्राम) में हुआ था। उन्होंने महात्मा गाँधी के आह्वान पर एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। इस कारण उन्हें उन्होंने 26 महीने जेल में बिताना पड़ा।

उन्होंने बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद अपने गांव के स्कूल में शिक्षक के रूप में काम किया। वे 1952 में ताजपुर निर्वाचन क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में बिहार विधानसभा के सदस्य बने।

उन्होंने बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने अपने कार्य एवं व्यवहार से प्रदेश एवं देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया। वे बिहार के शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं मुख्यमंत्री रहे। अपनी सभी भूमिकाओं में उन्होंने राज्य के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए।

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कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर केवल पिछड़ों एवं अतिपिछड़ों के प्रतिनिधि नहीं थे, बल्कि वे सर्वसमाज के नेता थे। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को आगे बढ़ाने की कोशिश की।

उन्होंने बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने वंचित वर्गों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए अंग्रेजी भाषा की औपनिवेशिक गुलामी का विरोध किया और हिंदी भाषा के माध्यम से शिक्षा देने की वकालत की। उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री के रूप में मैट्रिकुलेशन पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य विषय के रूप में अंग्रेजी को हटा दिया था। इससे शिक्षा के क्षेत्र में गरीबों एवं पिछड़ों की भागीदारी बढ़ी और सामाजिक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एनसीसी पदाधिकारी
लेफ्टिनेंट गुड्डू कुमार ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर मधेपुरा से भी गहरे जुड़ाव रखते थे। यहां उनके नाम से मेडिकल कॉलेज की स्थापना बिहार सरकार का एक सराहनीय कदम है।

कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की। कार्यक्रम में रमेश कुमार, दिव्यज्योति कुमारी, सुमित कुमार आदि विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, धनंजय कुमार, अंकित कुमार, अनंत कुमार झा, नीतीश कुमार, सौरभ कुमार, अभिषेक कुमार, अमरजीत कुमार, सबलू कुमार, सुमित कुमार, राजा कुमार, हिमांशु कुमार, काजल कुमारी, मुनचुन कुमारी, शालू कुमारी, वंदना कुमारी, प्रिया विश्वास आदि उपस्थित थे।

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मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद युवा संसद से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और प्रो. कैलाश प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। कीर्ति कुम्भ (स्मरण एवं संवाद) कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। उद्घाटनकर्ता सह मुख्य अतिथि प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और मुख्य वक्ता प्रो. विनय कुमार चौधरी, पूर्व अध्यक्ष, मानविकी संकाय, बीएनएमयू, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।