BNMU प्राक् प्रशिक्षण केन्द्र में दीक्षारंभ समारोह आयोजित। कक्षा का कोई विकल्प नहीं है : कुलपति

*प्राक् प्रशिक्षण केन्द्र में दीक्षारंभ समारोह आयोजित*
कक्षा का कोई विकल्प नहीं है : कुलपति
—-
विद्यार्थी जीवन में कक्षा का काफी महत्व है। नियमित कक्षा में आना अपने आपमें एक अविस्मरणीय अनुभव है और इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो (डॉ.) आर. के. पी. रमण ने कही। वे गुरुवार को प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित दीक्षारंभ कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे।

कुलपति ने कहा कि पढ़ाई करना विद्यार्थियों का स्वधर्म है और यही उनकी पूजा-आराधना है। यदि विद्यार्थी नियमित रूप से कक्षा में आएंगे और घर पर अभ्यास करेंगे, तो निश्चित रूप से उन्हें सफलता मिलेगी।

कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों को अर्जुन की तरह अपना एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसकी प्राप्ति के लिए एकलव्य की तरह एकनिष्ठभाव से अथक परिश्रम करना चाहिए।

कुलपति ने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति में रटने पर जोड़ था। इसके कारण आज हमारे देश में शिक्षित बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गई है। लेकिन नई शिक्षा नीति में समझने एवं ज्ञानार्जन करने पर जोर दिया गया है। इससे हमारे विद्यार्थी जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब प्रोवाइडर बनेंगे।

निदेशक सह कुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका ने कहा कि विद्यार्थियों को जिज्ञासु बनें और ज्ञान प्राप्त करने की भूख एवं प्यास जगाएं। आपने आपको नामांकन तक सीमित नहीं रखें, बल्कि कक्षा में सक्रिय रूप से भाग लें और उत्साह बनाए रखें।

उन्होंने कहा कि केंद्र में सीटों की संख्या सीमित है। इसलिए जो छात्र भी नामांकित हुए हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि वे नियमित रूप से कक्षा आएं। सभी विद्यार्थी पूरे लगन एवं मेहनत से पढ़ाई करें और सफलता प्राप्त कर केंद्र का नाम रौशन करें।

अध्यक्ष, छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह ने कहा कि प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र विभिन्न स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए प्राक् प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरणा केंद्र भी है, जिसमें विद्यार्थियों को इनईटी, जीएटीई, जेआरएफ, पीएचडी आदि प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। दोनों केंद्र पूर्णतः निशुल्क है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों से कहा कि वे जीवन की समस्याओं से नहीं घबराएं। सभी के जीवन में समस्याएं एवं चुनौतियां हैं। हमें उनका रोना नहीं रोना चाहिए, बल्कि उसके बीच से सफलता का मार्ग निकालना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि जिला कल्याण पदाधिकारी रामकृपाल प्रसाद ने कहा कि बिहार सरकार विद्यार्थियों के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इस केंद्र में भी विद्यार्थियों को सुयोग्य शिक्षकों का मार्गदर्शन मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में प्रतिभाएं छिपी हुई हैं। शिक्षकों के मार्गदर्शन से वह प्रतिभा निखरती हैं।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा बीएनएमयू के लिए दो हास्टल की अनुशंसा सरकार को भेजी गई है।

विकास पदाधिकारी प्रो. (डॉ.) ललन प्रसाद अद्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि केंद्र के विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय का नाम रौशन करेंगे। यहां के विद्यार्थियों की सफलता अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरित करेगी।

निदेशक आईक्यूएसी डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि सरकार विद्यार्थियों के लिए काफी खर्च कर रही है। हमें उसका अधिकाधिक लाभ लेने की जरूरत है।

इसके पूर्व अतिथियों को अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने एक-दूसरे का परिचय प्राप्त किया। सभी विद्यार्थियों को शपथ दिलाई गई कि वे नियमित रूप से कक्षा में आएंगे और पूरी ईमानदारी से तैयारी करेंगे। कार्यक्रम का संचालन उपकुलसचिव स्थापना डॉ. सुधांशु शेखर और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर ने की।

इस अवसर पर उपकुलसचिव स्थापना डॉ. दीपक गुप्ता, उपकुलसचिव परीक्षा मनोज झा, शोधार्थी सौरव कुमार चौहान, सहायक मनीष कुमार, मृत्युंजय कुमार, प्रीति, मौसम प्रिया, सुमित कुमार पूजा कुमारी, बृजेश कुमार, मनीष कुमार, अनामिका कुमारी, चांदनी कुमारी, सौरभ कुमार, अजय कुमार, धीरज कुमार, मोना कुमारी, रूची कुमारी, लूसी कुमारी, नीतीश कुमार, लक्ष्मण कुमार, दीपक कुमार आदि उपस्थित थे।