Yoga अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास एवं परिचर्चा आयोजित। पूर्ण विज्ञान है योग : राकेश कुमार भारती

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास एवं परिचर्चा आयोजित
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पूर्ण विज्ञान है योग : राकेश कुमार भारती
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योग महज एक शारीरिक व्यायाम मात्र नहीं है, बल्कि यह एक पूर्ण विज्ञान है। इसे हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्षों की खोज एवं प्रयोग के बाद हमें उपलब्ध कराया है, जो दुनिया को हमारी एक बहुमूल्य देन है।

यह बात पतंजलि योग समिति, मधेपुरा के राकेश कुमार भारती ने कही। वे बुधवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के तत्वावधान में आयोजित योगाभ्यास एवं परिचर्चा कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर किया गया।

भोग को त्यागें, योग को अपनाएं

उन्होंने कहा कि भारतीय ऋषि-मुनियों का मानना था कि मानव शरीर ईश्वर की देन है। ईश्वर ने हमें स्वास्थ रूप रूप में धरती पर चराचर जगत की सेवा के लिए भेजा है। हम यह कोशिश करें कि हम जब मृत्यु को प्राप्त करें, तो ईश्वर को यह शरीर स्वस्थ रूप में सौंपें। इसके लिए यह जरूरी है कि हम भोग का त्याग करें और योग को अपनाएं।

उन्होंने बताया कि सहज एवं संयमित जीवन जीना के लिए योग के आठ अंगों यथा- यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि का विधिवत पालन आवश्यक है। लेकिन यदि हम सिर्फ आसन एवं प्राणायाम को भी अपनाएं, तो भी हमें काफी लाभ मिलता है।

उन्होंने सभी लोगों और विशेषकर युवाओं का आह्वान किया कि वे मजबूरी में नहीं, बल्कि पूरे मन से योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें।

योग से जीवन में आता है सामंजस्य

अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डाॅ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने कहा कि योग हमारे मन एवं शरीर के बीच सामंजस्य का प्रतीक है। यह हमारे शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ-साथ सामाजिक एवं आध्यात्मिक कल्याण में भी सहायक है।

उन्होंने कहा कि नियमित योगाभ्यास से हमें कर्मों में कुशलता प्राप्त होती है और हमारे जीवन में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। इससे हमारा व्यक्तित्व निखरता है और हमें हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

सबके लिए सुलभ है योग

दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि योग किसी एक जाति या धर्म की निधि नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण मानवता की धरोहर है। यह सबके लिए सहज एवं सुलभ है। जो कोई भी इसका अभ्यास करेगा, उसे इसका सुफल प्राप्त होगा।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था। इसे स्वीकृति मिलने के बाद 2015 से पूरी दुनिया में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाता है।

स्मरणशक्ति को बढ़ाता है योग

गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्ड कुमार ने कहा कि योग से हमारी शारीरिक एवं मानसिक शक्ति का विकास होता है। यह एकाग्रता बनाए रखने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में भी मददगार है। विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए।

तनावमुक्ति में सहायक है योग

मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने आज हम कहा कि आधुनिक जीवनशैली के कारण तनाव, चिंता, हताश-निराश आदि मानसिक व्याधियों से घिरे हैं। इन व्याधियों से मुक्ति दिलाने में योग की महती भूमिका है।

सामूहिक शांति पाठ

इसके पूर्व महाविद्यालय की ओर से योगगुरू राकेश कुमार भारती का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। उन्होंने सबों को सामान्य योग एवं प्राणायाम का अभ्यास कराया।‌ इसमें पद्मासन, सिद्धासन, सुखासन और कपालभाति, भ्रामरी प्राणायम के अलावा सिंह-गर्जना एवं हास्य आदि के अभ्यास शामिल थे। सबों ने मिलकर देशभक्ति नारे लगाए और प्रेरणादाई गीतों का सामूहिक गायन भी हुआ। अंत में सबों ने ओउम् का सामूहिक उच्चार किया और चराचर जगत के कल्याणार्थ शांति-पाठ भी किया गया।

इस अवसर पर गौरव कुमार, प्रभाश कुमार, सौरभ कुमार, अंकित कुमार, आनंद कुमार, सुभाष कुमार, धर्मेंद्र कुमार, सलेंद्र कुमार, रॉबन कुमार, राज कमल, अमृतराज अंशु, कृष्णदेव कुमार, चुनचुन कुमारी, अमित कुमार, नीतीश कुमार, भारती कुमारी, मोनू कुमार, अंकित कुमार आदि उपस्थित थे।