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पौधारोपण

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भारतीय संस्कृति संपूर्ण चराचर जगत को एक मानती है। हमारी यह मान्यता है कि मनुष्य, मनुष्येतर प्राणी एवं चराचर जगत एक है।हम सबों के विकास एवं कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। इसलिए हमारी संस्कृति में प्रकृति-पर्यावरण के संरक्षण पर विशेष बल दिया गया है। प्रकृति- पर्यावरण की रक्षा पर ही मानव जीवन और संपूर्ण चराचर जगत का अस्तित्व निर्भर करता है। यह बात कुलपति प्रोफेसर डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कही। वे गुरूवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में अपने स्वागत समारोह और प्रधानाचार्य के जन्मदिवस समारोह में बोल रहे थे। यह आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में किया गया था।

कुलपति ने कहा कि प्रकृति-पर्यावरण सभी जीवों के लिए है। इस पर सभी जीवों का समान अधिकार है। एक विवेकशील प्राणी के रूप में मानव की यह विशेष जिम्मेदारी है कि वो प्रकृति-पर्यावरण की रक्षा करे। इस दिशा में पौधारोपण एक महत्वपूर्ण कदम है।

कुलपति ने आह्वान किया कि धरती एवं पर्यावरण की सुरक्षा एवं इसकी देखभाल हम मानव का परम धर्म है। पौधे ना केवल हमें स्वच्छ वातावरण प्रदान करते हैं, बल्कि हमें नया जीवन भी देते हैं। इसी तरह नदियों, पहाड़ों सभी का हमारे जीवन में महत्व है।

कुलपति ने कहा कि हम अपने जन्मदिवस या किसी शुभ कार्य के अवसर पर या किसी की स्मृति में एक पौधा लगाएँ। आज के पूरे विश्व में जो पर्यावरण की समस्याएं उत्पन्न हुई है, उसको दूर करने का यह एक उत्तम उपाय है। हम केवल पौधारोपण नहीं करें  बल्कि पौधों की देखभाल भी करें और पेड़-पौधों का सम्मान करें। चराचर जगत से प्रेम यही हमारी पहचान है। हम लोग वृक्षों की पूजा करते हैं। यह हमारी संस्कृतिक विरासत है।

कुलपति ने आह्वान किया सभी महाविद्यालय टी. पी. काॅलेज से प्रेरणा लें। साफ सफाई पर पूरा ध्यान रखा जाएगा। साथ ही साथ इसे ग्रीन जोन बनाए रखने में पूरा सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों की तारीफ करते हुए उन्हें हर प्रकार की जिम्मेवारी उठाने का भी आह्वान किया।

कुलपति ने प्रधानाचार्य  को जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। अन्य शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने भी प्रधानाचार्य को जन्मदिन  मुबारकबाद दी और कुलपति के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने बताया कि चार जून को उनका 63 वाँ  जन्मदिन है। इसके उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में  महाविद्यालय के गर्ल्स हाॅस्टल परिसर में 63 पौधे लगाए गए। हमने अपने जन्मदिवस को पर्यावरण को समर्पित किया। इस पुनीत अवसर पर प्रकृति के सानिध्य में जाना काफी सकुन दे रहा है। प्रकृति के साथ बिताया गया एक क्षण मानवों के साथ बिताए हजारों क्षणों से बेहतर है। मेरी स्मृति में आज भी वह बचपन हुबहू सुरक्षित है, जो प्रकृति के सानिध्य में बीता है।

उन्होंने बताया कि यह महाविद्यालय पहले से ही हरा-भरा है। इसके बावजूद दो वर्षों में यहाँ लगभग दो हजार पौधे लगाए गए। जहां भी खाली जगह मुझे मिली, उस जगह पर एक फलदार एवं छायादार पौधा लगाया गया।

उन्होंने बताया कि डाॅ. द्विवेदी लगभग 2 वर्षों के बाद महाविद्यालय आए हैं और कुलपति के रूप में उनका पहला आगमन है। नए कुलपति के आगमन से महाविद्यालय का वातावरण खिल उठा है। महाविद्यालय परिवार की ओर से उनका  बहुत-बहुत स्वागत है।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डाॅ. उदयकृष्ण ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान ने किया। कार्यक्रम का आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए किया गया।

इस अवसर पर कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद, एनएसएस समन्वयक डॉ. अभय कुमार, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, डाॅ. राजीव रंजन, डाॅ. गजेन्द्र कुमार, डॉ. ए. के. मल्लिक, अमित कुमार, स्नेहा, सीनेटर रंजन यादव, सौरभ कुमार चौहान, मणिष कुमार, गौरव कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

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