‘नरेन्द्र’ को बधाई!
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मैं आमतौर पर किसी को भी फेसबुक के माध्यम से जन्मदिन की बधाई नहीं देता हूँ। लेकिन मैं भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी को उनके पचहत्तरवें जन्मदिवस पर बधाई देने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा हूँ। बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
यहाँ सबसे पहले मैं यह बताना चाहता हूँ कि मैंने गत वर्ष प्रधानमंत्री जी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके नारे “बुके नहीं, बुक” को आगे बढ़ाने की जरूरत बताई थी। लेकिन ‘माननीय’ तक मेरी आवाज़ नहीं पहुंच सकी। “बुके नहीं, बुक” अभियान को गति नहीं मिल सकी।
खैर, आज मैं पुनः प्रधानमंत्री जी के लिए एक बात कहना चाहता हूँ। मेरा दृढ़ विश्वास है कि श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी अपनी जन्म-जाति के कारम प्रधानमंत्री नहीं बने हैं, बल्कि उनकी अथक राष्ट्रसेवा ने उन्हें प्रधान सेवक के पद तक पहुंचाया है।
अतः मुझे ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री जी को ‘मोदी’ सरनेम की बजाय ‘नरेन्द्र’ नाम का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। ‘मोदी’ से एक व्यापारी जाति के गुण-धर्म का बोध होता है और संप्रति मोदी सरनेमधारी भगौड़ों का चेहरा सामने आ जाता है। इसके विपरित ‘नरेन्द्र’ के हमें भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण के योद्धा-संन्यासी विवेकानंद का शुभ-स्मरण कराता है। हो सकता है कि ‘मोदी’ सरनेम एक-दो चुनावों में जीत हासिल करने में मददगार हुआ हो और यह नारों के लिए मुफीद हो।
लेकिन ‘नरेन्द्र’ की तो बात ही कुछ और है, जो चुनावी जीत-हार से बहुत आगे भारत एवं पूरी मानवता के कल्याण का दिशा-संकेतक है।
मैं आशा करता हूँ कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री आने वाले दिनों में ‘मोदी’ कम और ‘नरेन्द्र’ ज्यादा बनेंगे।
आपके पचहत्तरवें जन्मदिवस पर ईश्वर से प्रार्थना है कि वे आप पर अपनी कृपा बनाए रखें। आप लंबे समय तक स्वस्थ एवं सक्रिय रहकर राष्ट्र की सेवा करें।
नरेन्द्र’ को बधाई!!