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दर्शन परिषद् का 47वां अधिवेशन 21-23 दिसंबर को। तीन दिनों होगा दार्शनिकों का समागम।

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दर्शन परिषद् का 47वां अधिवेशन 21-23 दिसंबर को। तीन दिनों होगा दार्शनिकों का समागम।

नालंदा खुला विश्वविद्यालय, नालंदा के तत्वावधान में दर्शन परिषद्, बिहार के त्रिदिवसीय 47वें अधिवेशन (21-23 दिसंबर) का रविवार को सुभारंभ होगा। इस तरह ज्ञानभूमि नालंदा में तीन दिनों तक दार्शनिकों का समागम रहेगा।

परिषद् के महासचिव प्रो. श्यामल किशोर ने बताया कि परिषद् अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। इसलिए यह आयोजन अमृत महोत्सव के रूप में आयोजित होगा, जिसका केंद्रीय विषय ‘अप्प दीपो भव’ (अपने दीपक स्वयं बनो) रखा गया है।

उन्होंने बताया कि अधिवेशन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता आयोजन के संरक्षक सह एनओयू के कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार करेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सदस्य-सचिव प्रो. सच्चिदानंद मिश्र होंगे। अतिथियों का स्वागत परिषद् की अध्यक्षा प्रो. पूनम सिंह करेंगी। मुख्य वक्तव्य अधिवेशन के सामान्य अध्यक्ष पटना विश्वविद्यालय, पटना में दर्शनशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. आर. एस. आर्या देंगे।

उन्होंने बताया कि उद्घाटन समारोह में अधिवेशन की स्मारिका, परिषद् की शोध-पत्रिका ‘दार्शनिक अनुगूंज’ और कई पुस्तकों का लोकार्पण किया जाएगा। इस अवसर पर कई पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इस वर्ष का जीवन उपलब्धि पुरस्कार एलएनएमयू, दरभंगा के प्रो. सुनीलचंद्र मिश्र को दिया जाएगा। साथ ही दो उत्कृष्ट पुस्तकों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।

आयोजन सचिव सह डी. के. कॉलेज, डुमराव की प्रधानाचार्य प्रो. वीणा कुमारी ने बताया कि अधिवेशन के दौरान उद्घाटन एवं समापन समारोह के अतिरिक्त कई शैक्षणिक सत्र होंगे। इस अवसर पर धर्म दर्शन, तर्क एवं वैज्ञानिक विधि, तत्त्वमीमांसा, समाज दर्शन, नीति दर्शन एवं योग तथा संस्कृति छः विभागों के अंतर्गत लगभग तीन सौ शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त विकसित भारत की दार्शनिक संकल्पना और शब्द प्रमाण : भारतीय संदर्भ विषयक दो संगोष्ठियां और लगभग एक दर्जन व्याख्यान मालाओं का भी आयोजन किया जाएगा।

संयोजक सह कुलसचिव प्रो. अभय कुमार ने बताया कि एनओयू में यह महत्वपूर्ण अधिवेशन पहली बार हो रहा है। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि इस अधिवेशन में बिहार के सभी विश्वविद्यालयों सहित झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, नई दिल्ली से भी चार सौ से अधिक शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी भाग लेंगे। इनमें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ला, प्रो. राजकुमारी सिन्हा (रांची), प्रो. ऋषिकांत पांडेय (प्रयागराज), प्रो. शैलेश कुमार सिंह एवं प्रो. नागेन्द्र मिश्र (पटना), प्रो. किस्मत कुमार सिंह (आरा), प्रो. पूर्णेन्दु शेखर (भागलपुर), प्रो. अवधेश कुमार सिंह (बेगूसराय), प्रो. महेश्वर मिश्र (मुंगेर) डॉ. विजय कुमार (मुजफ्फरपुर), डॉ. सुधांशु शेखर (मधेपुरा) सहित कई गणमान्य लोगों के नाम शामिल हैं।

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