Search
Close this search box.

कविता/जिनका बचपन जिनके कंधे पर है/ डॉ. कर्मानंद आर्य

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

जिनका बचपन जिनके कंधे पर होता है
उनकी जवानी उनके कंधे पर कभी नहीं होती

यानी वह किसी और के कंधे पर सवार हो
तय करती है शेष यात्रा

एक ब्रह्मांड से दूसरे ब्रह्मांड तक
एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक
एक दुनिया से दूसरी दुनिया तक

शेष बची रहती है
शरीर में बचे हुए बचपन की तरह
वह पहाड़ सी
उठ जाती है किसी ऊँची चीज की ही तरह

गगनचुंबी बातें करती है
उड़ती है आसमानों से ऊपर बनकर चील

वह मुर्गे की तरह बांग देती है
जगाती है श्रमशीलों को
देखती है वहां से लौटकर
बचपन के कंधों पर उभरे हुए घाव और मरहम

अमरता कुछ नहीं
एक शब्द मात्र है एक शब्दकोश में

क्योंकि बचपन भी एक शब्द है
जो सब डिक्शनरियों में नहीं मिलता

जिनका बचपन
जिनके कंधे पर कभी नहीं आता
जिसके साथ साथ चलता रहता है
उनका भाग्य विधाता

वे बचपन की कीलों के बारे में क्या जानें
वे सधी दलीलों के बारे में क्या जाने

मेरा बचपन मेरे कंधे पर बीत गया
बचपन था धीरे धीरे रीत गया।

कवि परिचय
======

डॉ. कर्मानंद आर्य
पिता : श्री सहदेव राज
माता : श्रीमती सुगना देवी
पैतृक निवास : ग्राम- छपिया, पोस्ट- गोविंद पारा जनपद, बस्ती (उत्तर प्रदेश)

शिक्षा : एम. ए. हिंदी, पी-एच. डी. (हिंदी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार)

यूजीसी-नेट-जेआरएफ

पुस्तक प्रकाशन

1.अयोध्या और मगहर के बीच, कविता संग्रह दीपक अड़ोरा पांडुलिपि प्रकाशन योजना के तहत चयनित एवं प्रकाशित

2. डरी हुई चिड़िया का मुकदमा, कविता संग्रह, मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग बिहार सरकार के पांडुलिपि प्रकाशन योजना के अंतर्गत प्रकाशित अस्मिता

3. अस्मितामूलक साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र, आलोचनात्मक पुस्तक, द मार्जिनलाइज्ड प्रकाशन, नई दिल्ली, वर्धा (महाराष्ट्र) से प्रकाशित

4. बिहार-झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएँ, बिहार-झारखंड के दलितों रचनाकारों की कविताओं का सामूहिक कविता संकलन का संचयन-संपादन,बोधि प्रकाशन, जयपुर (राजस्थान)

5. मलखान सिंह : संवेदना और शिल्प, संपादित, स्वराज प्रकाशन नई दिल्ली

6. दामोदर मोरे की कविता : संवेदना एवं शिल्प, बोधि प्रकाशन जयपुर (राजस्थान)

7. नैतिकता के लोकरंग में स्त्री (आलोचना), संपादित, नाॅटप्रकाश ई. बुक के रूप प्रकाशित

संकलन
शतदल फेसबुक पर सक्रिय 110 रचनाकारों की कविताओं का सामूहिक संकलन- संपादक- विजेंद्र, प्रकाशक बोधि प्रकाशन जयपुर (राजस्थान) में कविताएं संकलित

पुरस्कार

भारतीय जन लेखक संघ के द्वितीय महासम्मेलन, पटना में कविता एवं आलोचना लेखन के योगदान के लिए सम्मानित

साहित्य परिषद्, गया से आलोक सम्मान पत्र प्राप्त

संप्रति : सहायक प्राध्यापक, भारतीय भाषा केंद्र, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया (बिहार), भारत

READ MORE

मेरे अभिन्न मित्र डॉ. मिथिलेश कुमार सहित राजनीति विज्ञान विषय के सभी नव चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। -सुधांशु शेखर, सचिव, शिक्षक संघ, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा