*याद किए गए के. पी. यादव*
बिहार के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनेता थे के. पी. यादव : प्रधानाचार्य
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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं सेहत केंद्र के तत्वावधान में संविधान सभा के सदस्य रहे कमलेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ के. पी. यादव (जन्म – 4 जनवरी, 1902 निधन-15 नवंबर, 1989) के जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि चतरा (मधेपुरा) में जन्मे के. पी. यादव बिहार के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनेता थे। वे 1937 में बिहार प्रांतीय विधानसभा के लिए चुने गए। बाद में वे 1946 से 1950 तक भारत की संविधान सभा के सदस्य रहे और उन्होंने भारतीय संविधान के प्रारूपण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने बताया कि के. पी. यादव का संपूर्ण जीवन आम लोगों के उत्थान हेतु समर्पित कर दिया था। वे उदाकिशुनगंज से बिहार विधानसभा के सदस्य और खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे।
*उच्च शिक्षित थे के. पी. यादव*
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष सह अर्थपाल डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने बताया कि के. पी. यादव उच्च शिक्षित राजनेता थे। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय और बीएचयू से शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने एम. ए. (राजनीति विज्ञान), एम. ए. (हिंदी) और एलएलबी (कानून) की डिग्री प्राप्त की थी।
उन्होंने बताया कि के. पी. यादव ने एक आशाजनक करियर के आकर्षण को छोड़कर स्वयं को राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में झोंक दिया। उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन एवं भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
*शिक्षा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान*
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि के. पी. यादव ने मधेपुरा में शिक्षा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने मधेपुरा में टी. पी. कॉलेज (1953 ई.) के निर्माण में भी महती भूमिका निभाई और मुरलीगंज जैसे सुदूर देहात में के. पी. महाविद्यालय (1965 ई.) की स्थापना कर सराहनीय कार्य किया।
इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, ई. कमल कुमार यादव, डॉ. अशोक कुमार अकेला, नारायण ठाकुर अर्जुन शाह, मनीष कुमार, महेश कुमार, दिनेश यादव, ललन कुमार, अनिल कुमार यादव, मोहन कुमार राम, मोती कुमार, भरत कुमार यादव, संतोष कुमार यादव, सुनील कुमार, दिलीप कुमार आदि उपस्थित थे।