*मानव जीवन का आधार है दर्शन : प्रो. कैलाश*
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दर्शनशास्त्र सभी विषयों की जननी है। इसी से ज्ञान-विज्ञान की सभी शाखाओं का विकास हुआ है और आपने चरमोत्कर्ष पर पहुंचकर अंततः सभी विषय दर्शन में ही समाहित हो जाते हैं।
यह बात ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य एवं सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कही। वे बुधवार को मानव जीवन में दर्शन की उपयोगिता विषयक सेमिनार में में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में किया गया।
उन्होंने कहा कि दर्शन जीवन एवं जगत के सभी आयामों से जुड़ा है। इसमें सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक आदि सभी आयाम शामिल हैं।
*जीवन की समस्याओं के समाधान में उपयोगी है दर्शन*
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि दर्शन हमें जीवन एवं जगत को समग्रता में देखने- समझने की दृष्टि देता है। यह दृष्टि मानव-जीवन की समस्याओं के समाधान में उपयोगी होता है।
उन्होंने कहा कि दर्शनशास्त्र में व्यक्ति को आलोचनात्मक चिन्तन के साथ बेहतर और सफल जीवन के आदर्श सिखाए जाते हैं। दर्शनशास्त्र के अध्ययन से जो कौशल विकसित होते हैं, वे जीवन के सभी क्षेत्रों में उपयोगी होते हैं। इसके द्वारा वह अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन में भी सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार ठाकुर ने कहा कि सभी व्यक्ति का अपना कोई-न-कोई दर्शन होता है। इसलिए केवल दर्शनशास्त्र पढ़ने-पढ़ाने वाले नहीं, बल्कि सभी मनुष्यों को दार्शनिक कहा जा सकता है।
इस अवसर पर अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डु कुमार, उर्दू विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शहरयार अहमद, बी. एड. विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर ओमप्रकाश, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, पारसमाणि कुमारी, राजाराम कुमार, निरंजन कुमार, अमित कुमार, सावित्री कुमारी, रंजना कुमारी, ज्योति कुमारी, सेनु कुमारी, कोमल कुमारी, पुजा कुमारी, प्रीति कुमारी, प्रीतम कुमारी, आरती कुमारी, बबली कुमारी, अलेखा कुमारी, विशाखा कुमारी, रिया राज, अंजली कुमारी, ज्योति कुमारी, समीक्षा कुमारी, सवीन कुमार आदि उपस्थित थे।