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गणित के नेशनल सेमिनार का कुलपति ने किया उद्घाटन।

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गणित के नेशनल सेमिनार का कुलपति ने किया उद्घाटन।

यूनिवर्सिटी के गणित विभाग में “गणितीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उभरता हुआ नवाचार” में हुए सेमिनार का भूपेन्द्र नारायण मंडल मधेपुरा के कुलपति ने उद्घाटन किया

कुलपति बिमलेंदु शेखर झा ने कहा कि गणित हमेशा से सभी जगह उपस्थित रहा है। गणित को विज्ञान का भाषा कहा जाता है। उन्होंने सेमिनार के लिए सभी प्रतिभागी और ऑर्गनाइजिंग कमिटी के सदस्य को बधाई दी।

सेमिनार के कन्वेनर प्रो. मनोज कुमार मनोरंजन ने सेमिनार के बारे में कहा की यह सेमिनार गणित के शोधार्थियों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। गणित का शब्द “मैथमेटिक्स” ग्रीक भाषा से आया है। ग्रीक में “मैथमेटिक्स” का अर्थ है “ज्ञान” या “शिक्षा”। यह शब्द ग्रीक शब्द “माथेमाटिका” से आया है, जिसका अर्थ है “ज्ञान की शिक्षा” या “गणित की शिक्षा”।

विज्ञान संकायाध्यक्ष अरुण कुमार यादव ने सेमिनार की सफलता के लिए बधाई दी

गोरखपुर से आए रिसोर्स पर्सन प्रो एच एस शुक्ला गणित के सिद्धांतों का उपयोग वास्तविक जीवन में में कैसे होता है इसपर एक विस्तृत चर्चा किया। जिनमें मेट्रिक स्पेस और रीमैन ज्यामिति का दैनिक जीवन में उपयोग के बारे में बताया।

दुमका से आए रिसोर्स पर्सन प्रो डी एन गरी ने डी टेबल पर बताया। बच्चों का कन्फ्यूजन दूर करने के लिए डी टेबल एक अच्छा प्रयास है। इससे परम्यूटेशन कॉम्बिनेशन का प्रोब्लम बहुत आसानी से समझ आ जाता है।

डी टेबल का उपयोग सेट थ्योरी, लॉजिक, फजी लॉजिक, फील्ड एक्सटेंशन में किया जा सकता है। प्रो गराई गणित के एक बहुत ही अच्छे शिक्षक है। ये समाज से जुड़े हुए प्रॉब्लम को गणित के सहायता से मॉडल बनाकर समाधान निकाल देते है। इनका यूट्यूब पर प्रायः हर फील्ड का लगभग हजारों लेक्चर मुफ्त में सभी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है।
आई क्यू ए सी के डायरेक्टर नरेश कुमार ने बताया कि यह सेमिनार मैथ्स के विद्यार्थीयों के लिए बहुत अच्छा होगा। गणित का अपना लैंग्वेज होता है। गणित का हमारे रसायन शास्त्र में बहुत उपयोग है।आज के आई मॉड्यूलर साइंस की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। धन्यवाद ज्ञापन ले गुड्डू कुमार के द्वारा किया गया।

मंच का संचालन डॉ रेणु के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार, डॉ. मुकुंद कुमार, डॉ. कमलाकांत झा, डॉ. इंद्रकांत झा, डॉ. शुभाशीष दास, डॉ बेनुकर मंडल, डॉ रमेंद्र रवि, डॉ. राजेश वर्मा, डॉ कृषानु देयासी, डॉ निरंजन निराला, रिसर्च स्कॉलर अविनाश, रवि, धीरेन ओम तथा सभी विद्यार्थी उपस्थित थे।

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