*अकादमी के कार्यकारिणी सदस्य बने डॉ. सुधांशु शेखर*
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर को बिहार समाज विज्ञान अकादमी की कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है। इनका चयन 17-18 मई, 2025 को यू. आर. कॉलेज, रोसड़ा (समस्तीपुर) में संपन्न हुए अकादमी के चौथे अधिवेशन के दौरान किया गया है।
डॉ. शेखर ने बताया कि सम्मेलन के दौरान अकादमी की कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया गया। इसमें प्रो राजमणि प्रसाद को अध्यक्ष, प्रो अरुण कुमार एवं प्रो घनश्याम राय को उपाध्यक्ष, डॉ. मनोज प्रभाकर को महासचिव एवं डॉ. सुधीर कुमार एवं डॉ मीरा दत्ता को संयुक्त सचिव तथा रवि प्रकाश सूरज को कोषाध्यक्ष चुना गया है। इनके अलावा आठ लोगों को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है। इनमें डॉ. शेखर के अलावा प्रो लालबाबू यादव, प्रो. डी. एम. दिवाकर, प्रो. राजकिशोर प्रसाद, डॉ. जी. शंकर, डॉ. अनिल कुमार राय एवं डॉ देवेंद्र कुमार के नाम शामिल हैं।
डॉ. शेखर ने इस चयन के लिए नवनियुक्त अध्यक्ष एवं महासचिव सहित सभी सदस्यों और विशेष रूप से संस्थापक महासचिव डॉ. अनिल कुमार राय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
*विभिन्न संगठनों से है जुड़ाव*
डॉ. शेखर ने बताया कि वे विभिन्न अकादमिक संगठनों से जुड़े हुए हैं। वे अखिल भारतीय दर्शन परिषद के सहसचिव तथा बिहार दर्शन परिषद के संयुक्त सचिव एवं मीडिया प्रभारी की भूमिका भी निभा रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के आजीवन सदस्य हैं।
*विभिन्न पदों पर रहे हैं*
उन्होंने बताया कि उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी), पटना के माध्यम से जून 2017 में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में योगदान दिया है। यहां वे विभिन्न पदों पर रहे हैं। इसके अलावा वे विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ), उपकुलसचिव (अकादमिक) एवं उपकुलसचिव (स्थापना) तथा विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने विगत 15 मई को राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के विश्वविद्यालय कार्यक्रम समन्वयक के रूप में योगदान दिया है।
*प्रकाशित हैं चार पुस्तकें*
उन्होंने बताया कि उनकी चार पुस्तकें प्रकाशित हैं। इनमें सामाजिक न्याय : आंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ (2014), गाँधी-विमर्श (2015), भूमंडलीकरण और मानवाधिकार (2017) एवं गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार (2024) शामिल हैं। इसके अलावा इन्होंने आठ पुस्तकों का संपादन भी किया है।