Search
Close this search box.

Yoga बीएनएमयू : पी. जी. डिप्लोमा इन योग की पढ़ाई की पहल

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

बीएनएमयू : पी. जी. डिप्लोमा इन योग

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में दर्शनशास्त्र विभाग के अंतर्गत पी. जी. डिप्लोमा इन योग अर्थात् योग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। इस संबंध में 23 दिसंबर, 2020 को संपन्न विद्वत परिषद् की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में पाठ्यक्रम, नामांकन अध्यादेश एवं परीक्षा विनियम आदि को अंतिम रूप देने हेतु एक समिति का गठन किया गया है। प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आभा सिंह समिति के अध्यक्ष और उप कुलसचिव (अकादमिक) डाॅ. सुधांशु शेखर इसके सचिव बनाए गए हैं।

समिति में नव नालंदा महाविहार, नालंदा में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर डाॅ. सुशीम दुबे और योग एवं स्वास्थ्य विभाग, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार (उत्तराखंड) के प्रोफेसर डाॅ. सुरेश वर्णवाल बाह्य विशेषज्ञ- सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।

मानविकी संकायाध्यक्ष डाॅ. उषा सिंहा, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार, निदेशक (शैक्षणिक) डाॅ. एम. आई. रहमान निदेशक (अकादमिक) एवं परीक्षा नियंत्रक आर. पी. राजेश भी समिति में शामिल हैं। कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. के. पी. रमण के निदेशानुसार कुलसचिव प्रोफेसर डाॅ. मिहिर कुमार ठाकुर ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है।

मालूम हो कि योग का सदियों से मानव जीवन में काफी महत्व रहा है।आज आधुनिक जीवन की जटिलताओं के मद्देनजर और कोरोना संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितयों में योग की महत्ता काफी बढ़ गई है।

डाॅ. शेखर ने बताया कि योग एक विज्ञान है, जिसे सीखने के लिए योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक की जरूरत होती है। योग का प्रशिक्षण हासिल कर योग एयरोबिक्स इंस्ट्रक्टर, योग थेरेपिस्ट, योग इंस्ट्रक्टर, योग टीचर, थेरेपिस्ट एंड नैचूरोपैथ्स, रिसर्च ऑफिसर के तौर पर काम किया जा सकता है। शिक्षण संस्थान, रिसर्च सेंटर, स्वास्थ्य केंद्र, जिम, हाउसिंग सोसाइटियाँ, कार्पोरेट घराने, टेलीविजन चैनल आदि भी योग प्रशिक्षक हायर करते हैं। जाने-मानी हस्तियाँ भी प्राइवेट योग इंस्ट्रक्टर हायर करते हैं।

डाॅ. शेखर ने बताया कि योग कोर्स में निष्णात विद्यार्थियों को भारत के अलावा विदेशों में भी कार्य करने का अवसर मिल सकता है। आज दुनियाभर में भारत के योग शिक्षक-प्रशिक्षक की माँग बढ़ी है। एक अध्ययन के अनुसार भारत में तीन लाख योग प्रशिक्षकों की आवश्यकता है।

 

READ MORE