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Bhumandalikaran and Rastravad भूमंडलीकरण और राष्ट्रवाद
10. भूमंडलीकरण और राष्ट्रवाद
हम जानते हैं कि ‘राष्ट्र’1 शब्द ‘रज्’ धातु में ‘ष्ट्रन्’ प्रत्यय लगाने पर बना है। इसका अर्थ हैऋ ‘देश’, ‘मुल्क’, ‘नेशन’ आदि। राष्ट्र के कुछ विशेष गुण हैं, जो उसे अराष्ट्रिक जनसमूहों से अलग करते हैं। यह किसी भौगोलिक क्षेत्रा की सीमा मात्रा नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों के सम्मिलित अस्तित्व का नाम है।2 इसमें राष्ट्र के प्रति सार्वभौमिक एवं सर्वकालिक कर्तव्य एवं निष्ठा के तत्व निहित हैं। ‘राष्ट’ª की व्यापकता में सारी वैयक्तिक संकीर्णताएँ विलीन हो जाती हैं और सांस्कृतिक विभिन्नताओं का लोप हो जाता है। यही कारण है कि राष्ट्र-आराधना समस्त आराधनाओं में सर्वोपरि है। राष्ट्र का गौरवगान सर्वोत्तम भजन, राष्ट्रहित साधन सर्वश्रेष्ठ तप और राष्ट्र के लिए निःस्वार्थ निष्ठा पवित्रातम् यज्ञ माना गया है।3 संपूर्ण भारतीय जीवन-दर्शन में राष्ट्रवाद के तत्व विद्यमान हैं, लेकिन भारतीय रा...