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National Youth day celebration at DAV PG College
BIHAR

National Youth day celebration at DAV PG College

The National Youth Festival in India is an annual gathering of youth with various activities including competitions. Swami Vivekananda's birthday, 12 January, is always celebrated as National Youth Day and the week starting from that day is known as National Youth Week. To commemorate this occasion, a speech competition was organized on 8th January and a painting competition on 12th January by Sehat Kendra, DAV PG College. All the participants participated enthusiastically in this. All these programs took place under the supervision of Dr. Aparna Pathak, Nodal Officer of the Health Center and Mr. Karthik Singla of Nehru Yuva Kendra. Principal of the college, Professor K. P. Goswami said that Swami Vivekananda was and is an ideal for the entire country.
National Seminar राष्ट्रीय सेमिनार को बनाया जाएगा यादगार
SRIJAN.AALEKH

National Seminar राष्ट्रीय सेमिनार को बनाया जाएगा यादगार

*राष्ट्रीय सेमिनार को बनाया जाएगा यादगार* ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में शैक्षणिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं और लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। इसी कड़ी में सोमवार- मंगलवार को राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन सुनिश्चित है। इस सेमिनार का आयोजन महाविद्यालय के लिए गौरब की बात है और यह विश्वविद्यालय के लिए एक यादगार आयोजन होगा। यह बात प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने कही। वे रविवार को राष्ट्रीय सेमिनार की तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान, जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर, एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट गुड्डु कुमार, डाॅ. राजकुमार रजक, प्रणव कुमार प्रियदर्शी, सौरभ कुमार चौहान उपस्थित थे। *कार्यक्रम का होगा लाइव प्रसारण* प्रधानाचार्य ने बताया कि भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा संपोषित इस सेमिनार का मुख्...
National Education-System राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था/ ललित कुमार
SRIJAN.AALEKH

National Education-System राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था/ ललित कुमार

राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था ललित कुमार Lएम. ए. (द्वितीय वर्ष), डिपार्टमेंट ऑफ आर्कियोलॉजी पटना यूनिवर्सिटी 8002039635, [email protected] मानव इतिहास के आदिकाल से शिक्षा का विविध भांति विकास एवं प्रसार होता रहा है। प्रत्येक देश अपनी सामाजिक-सांस्कृतिक अस्मिता को अभिव्यक्ति देने और पनपाने के लिए और साथ ही समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी विशिष्ट शिक्षा प्रणाली विकसित करता है, लेकिन देश के इतिहास में कभी-कभी ऐसा समय आता है, जब मुद्दतों से चले आ रहे उस सिलसिले को एक नई दिशा देने की नितान्त जरूरत हो जाती है। आज वही समय है। हमारा देश आर्थिक और तकनीकी लिहाज से उस मुकाम, पर पहुंच गया है जहाँ से हम अब तक के संचित साधनों का इस्तेमाल करते हुए समाज के हर वर्ण को पफायदा पहुंचाने का प्रबल प्रयास करें। शिक्षा उस लक्ष्य तक पहुंचने का प्रमुख साधनहै। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर भारत सरका...