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Covid-19। कोरोना के बाद : शिक्षा, समाज एवं पर्यावरण
भारतीय दर्शन में है कोरोना संकट का समाधान : डाॅ. विजय कुमार
भारतीय संस्कृति में "सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया" की कामना की गई है। इसमें न केवल सभी मनुष्यों वरन समस्त चराचर जगत की चिंता है। यही शिक्षा एवं समाज की सम्यक् जीवन-दृष्टि है। यही दृष्टि हमें सभी सभी महामारियों को रोक सकती है और देश-दुनिया को विनाश से बचा सकती है। यह बात विश्वविद्यालय गाँधी विचार विभाग, तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डाॅ. विजय कुमार ने कही। वे शनिवार को कोरोना के बाद : शिक्षा, समाज एवं पर्यावरण विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। इसका आयोजन बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज सुबह 11.30 बजे से किया
डाॅ. कुमार ने कहा कि भारतीय विचारकों ने प्रकृति-पर्यावरण के साथ सहयोग एवं सहकार की जीवन-दृष्टि विकसित की है। यह ग्राम आधारित सभ्यता-दर्शन है।
भारत ने जो रास्ता दिखाया...