Philosophy मधुमती का यशदेव शल्य विशेषांक
मधुमती के विशेष स्मरण अंकों की शृंखला में एक और उल्लेखनीय अध्याय जुड़ने जा रहा है। मधुमती का जून-2021 अंक अप्रतिम दार्शनिक यशदेव शल्य पर एकाग्र है।राजस्थान से दर्शन की एक त्रयी बनती है जिसमें यशदेव शल्य, मुकुंद लाठ और प्रोफेसर दयाकृष्ण की गिनती होती है। अगर इसे चतुष्टयी के रूप में देखना हो, तो यह मध्यप्रदेश के पदमश्री रमेशचंद्र शाह से पूरी होती है।
संयोग से मधुमती ने इस त्रयी में से अपने प्रदेश के दो शिखर व्यक्तित्वों क्रमशः मुकुंद लाठ और यशदेव शल्य पर अपने अंक एकाग्र करने का गौरव हासिल किया है।
यशदेव शल्य हिंदी भाषा एवं संस्कृति का स्वाभिमान हैं।उन्होंने हिंदी में मौलिक चिंतन और विचार की नींव भराई का काम किया है।
इस अंक के उन पर केंद्रित बारह आलेखों से उनके चिंतन की विविध छटाएँ खिल और खुल उठेंगी।
अंक की सबसे मूल्यवान सामग्री शल्यजी के कला का सत्य विषयक व्याख्यान का प्रथम बार प्...