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Vivekanand विवेकानन्द के जन्मदिन पर ————————-  उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय…  प्रेमकुमार मणि
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Vivekanand विवेकानन्द के जन्मदिन पर ————————- उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय… प्रेमकुमार मणि

विवेकानन्द के जन्मदिन पर ------------------------- उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय... प्रेमकुमार मणि, पटना (बिहार) विवेकानंद ( 12 जनवरी 1863 - 4 जुलाई 1902 ) के प्रति मैंने हमेशा एक जिज्ञासु भाव रखा है. जब हाई स्कूल का विद्यार्थी था, तब मैं उनके प्रति आकर्षित हुआ और उनके बारे में जितना कुछ मिलता ध्यान से पढता. उनके जीवन के बारे में हम ने अपने पाठ्यक्रम में कुछ जान लिया था. उनका चित्र सम्मोहित करता था. एक शांत -चित्त, स्वस्थ और सुन्दर युवा चेहरा बरबस बुद्ध-मूर्तियों की याद दिलाता था. एक पददलित देश -समाज मानो उनके व्यक्तित्व में अपनी पहचान अथवा अस्मिता के साथ उभर रहा हो. वह आध्यात्मिक थे, सामाजिक -क्रांतिकारी भी. उन्हें अपने देश -समाज की चिंता थी. और कुल मिला कर वह खुले दिमाग से सोचने पर जोर देते थे, जैसे कि बुद्ध देते थे. इसलिए मैं अपनी किशोरावस्था में...
Culture सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य प्राप्ति का पर्व अनंत चतुर्दशी श्रद्धापूर्वक सम्पन्न
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Culture सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य प्राप्ति का पर्व अनंत चतुर्दशी श्रद्धापूर्वक सम्पन्न

आज अनंत चतुर्दशी का पर्व श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया। इस दौरान मंदिरों और घरों में लोगों ने पूजा का आयोजन किया। सुबह से ही हाथों में पूजा की थाली लिए लोग पूजन स्थल पर पहुँचने लगे थे। ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर दिखा। लोग सुबह से ही सामूहिक रूप से पूजा में भाग लिया। कलश की स्थापना कर धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर 14 गाठों वाला अनंत सूत्र भगवान विष्णु को अर्पित किया गया। आस्थापूर्वक पूजा संपन्न होने के बाद लोग अनंत सूत्र अपने बांहों में बांधा। धन-धान्य, सुख समृद्धि, आरोग्य प्राप्ति की कामना के लिये की जाने वाली पूजा के बाद लोग डोरा बांधने के पश्चात चौदह दिनों तक निरामिष भोजन करते हैं।डोरा धारण करने व अनंत चतुर्दशी व्रत कथा सुनने का भी विशेष महत्व है। यह पर्व भादो शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने और अनंत सूत्र को बांधने...