Tag: प्रयोग

Hindi। क्या ‘दिवंगत आत्मा’ का प्रयोग उचित है?
SRIJAN.AALEKH

Hindi। क्या ‘दिवंगत आत्मा’ का प्रयोग उचित है?

क्या ‘दिवंगत आत्मा’ का प्रयोग उचित है? श्री प्रभाकर मिश्र ने जानना चाहा है कि क्या किसी मृत व्यक्ति के लिए ‘दिवंगत आत्मा’ का प्रयोग सही है? लगभग ऐसा ही प्रश्न प्रो. गणेशानन्द झा के दोनों नातियों ने भी किया है। इन दोनों बच्चों ने जिज्ञासा रखी है कि आत्मा जब एक है, तब प्राणियों में अनेक कैसे हो जाती है? सर्वप्रथम ‘दिवंगत आत्मा’ की व्याकरणिक विचिकित्सा करते हैं, फिर दार्शनिक विमर्श। यहाँ ‘दिवंगत’ शब्द विशेषण है, जबकि ‘आत्मा’ विशेष्य। दिवम-स्वर्गम् गतः दिवंगतः, अर्थात् स्वर्ग गया (हुआ) अथवा जो स्वर्ग चला गया। इसीलिए, इन्द्र को ‘दिवस्पति’ भी कहते हैं। सतत गमन के अर्थ में प्रयुक्त परस्मैपद धातु ‘अत्’ (अत् सातत्यगमने: अ.-1/31) में ‘मनिण्’ प्रत्यय के योग से ‘आत्मन्’ शब्द बनता है, जो कर्त्ताकारक एकवचन में ‘आत्मा’ का रूप ग्रहण कर लेता है; यथा - आत्मा (एकवचन)-आत्मानौ (द्विवचन)-आत्मानः (बहुवचन)।...