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BNMU Dairy अखबार में नाम
SRIJAN.AALEKH

BNMU Dairy अखबार में नाम

*अखबार में नाम* ############################## हर कोई चाहता है कि उसका 'नाम' हो। कहते हैं न कि "पापा कहते हैं, बड़ा नाम करेगा...।" प्रायः सभी लोगों में नाम की चाहत होती है। यह एक तरह से 'अमरता' का ही प्रयास है। वैसे प्राचीन भारतीय मनीषियों ने अपने नाम की वजाय सत्य को प्राथमिकता दी। प्रायः लोग अपने अमूल्य ग्रंथों में भी अपना नाम नहीं देते थे। लेकिन फिर नाम का चलन चला। नाम के लिए शिलालेख खुदबाने, सिक्के चलाने और किताबें लिखने तक कई यत्न किए जाते रहे हैं। *एक कहानी* ---------------------------------------- नाम का एक प्रमुख माध्यम है-अखबार। 'अखबार में नाम' बहुत मायने रखता है और इसको लेकर एक कहानी भी बहुत प्रचलित रही है। उस कहानी में नायक 'अखबार में नाम' के लिए अपना जीवन दांव पर लगा देता है। *लेख का प्रभाव* ---------------------------------------- खैर, मेरी भी बचपन से ही अख...
Gandhi। मजबूती का नाम महात्मा गांधी/ स्वयं प्रकाश, संपादक, जी न्यूज बिहार-झारखंड
SRIJAN.AALEKH

Gandhi। मजबूती का नाम महात्मा गांधी/ स्वयं प्रकाश, संपादक, जी न्यूज बिहार-झारखंड

मजबूती का नाम महात्मा गांधी स्वयं प्रकाश, संपादक, जी न्यूज बिहार-झारखंड ‘मैं कई महीनों से सामाजिक सुधार की जिस पद्धति की तलाश में था, वह मुझे प्रेम और अहिंसा पर गांधीवादी दर्शन में मिली। मुझे लगा कि दलितों के लिए उनके मुक्ति संघर्ष का तरीका नैतिक और व्यावहारिक दृष्टि से ठीक है। - मार्टिन लूथर किंग (‘स्ट्राइड्स टुवर्डस फ्रीडम पुस्तक में) ‘यह कौन दुस्साहसी है, यह कौन योद्धा है। जो अपने प्यार से, अपनी नि:सीम सद्भावना से। अपने सत्य से, संसार के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्य को चुनौती दे रहा है।– अंग्रेज कवि ब्रेल्सफोर्ड ( ‘ए हिस्टोरिक मार्च पुस्तक में) ‘घने जंगल में थका हारा सिपाही, हताश सो गया। उसके सपने को कृतार्थ किया एक महात्मा ने, एक गुरुदेव ने। एक ने मुस्कराते हुए अग्निपथ पर चलने की प्रेरणा दी। एक ने अमृतवाणी से मूर्छित चेतना को झकझोर दिया। मेरा नमन लो महात्मा.’ - कवि नक्रुमा ...