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Kosi कुसहा त्राषदी के सबक/ डाॅ. विजय कुमार
मित्रों! आज 18 अगस्त है। आज ही के दिन कोशी में कुसहा में टूट हुआ था। कुसहा में बैराज से ऊपर कोशिका बांध टूटा था। उसी का बांध एक लंबी जद्दोजहद के बाद बना था। जिस समय इसके निर्माण का काम चल रहा था, तो तब स्थानीय स्तर पर उस समय के जो समझदार और चेतन से लोग थे, उन्होंने बीरपुर बैराज का विरोध किया था। वैज्ञानिकों के स्तर पर अभियंताओं के स्पतर र काफी बहस चली थीं। उस समय समझ बनी थीं क नदी को अगर बांध दिया जाए, तो बीरपुर पूर्वी और पश्चिमी के शुरुआती हिस्सों में हम बाढ़ की समस्या से निजात पा लेंगे। विकास के लिए सिंचाई का प्रबंध कर लेंगे। बिजली प्राप्त कर लेंगे। परंतु बाद के अनुभव आए कि खेतों में बालू भर गया दलदली हो गया।नहर जहां तक बनना था, वह भी पूरा नहीं हुआ। यानी तकनीकी भाषा में और सरकारी भाषा में बात की जाए, तो कोसी परियोजना आज भी अधूरी है।
मैं भ्रष्टाचार की बात नहीं करना चाहता हूं। क्योंकि वह ...