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Sahitya Akadami राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न। माँ एवं मातृभाषा का कोई दूसरा विकल्प नहीं : डॉ. अविचल
*राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न*
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*माँ एवं मातृभाषा का कोई दूसरा विकल्प नहीं : डॉ. अविचल*
स्वतंत्रता संग्राम : मैथिली साहित्य-संस्कृति ओ दर्शन विषय पर चर्चा
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हमारे जीवन में माँ एवं मातृभाषा का स्थान सर्वोपरि है। इन दोनों का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता है। जिस प्रकार कोई भी स्त्री माँ का स्थान नहीं ले सकती है, उसी तरह कोई भी दूसरी भाषा मातृभाषा का स्थान नहीं ले सकती है।
यह बात साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के मैथिली परामर्श मंडल के संयोजक एवं एल. बी. एस. एम. महाविद्यालय, जमशेदपुर के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार झा 'अविचल' ने कही।
वे शनिवार को स्वतंत्रता संग्राम : मैथिली साहित्य-संस्कृति ओ दर्शन विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतिम सत्र में अध्यक्षीय वक्तव्य दे रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा और साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान मे...