

NMM पांडुलिपियों का संग्रह ही काफी नहीं है, बल्कि उसका संपादन एवं प्रकाशन भी जरूरी है : डॉ. अरुण कुमार यादव
*पांडुलिपियों का संग्रह ही काफी नहीं है, बल्कि उसका संपादन एवं प्रकाशन भी जरूरी है : डॉ. अरुण कुमार यादव* पांडुलिपियों का संग्रह अपने आपमें
*पांडुलिपियों का संग्रह ही काफी नहीं है, बल्कि उसका संपादन एवं प्रकाशन भी जरूरी है : डॉ. अरुण कुमार यादव* पांडुलिपियों का संग्रह अपने आपमें
अत्यावश्यक सूचना ———— आप सबों की सेवा में कुछ पुस्तकों का विवरण प्रस्तुत है। आप चाहें, तो आमंत्रित मूल्य पर उसे प्राप्त कर सकते हैं।
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में विगत दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना के कारण विलम्ब से चल रहे शैक्षणिक सत्रों को नियमित करने, छात्र
*अनछुए हैं इतिहास के कई पन्ने : डॉ. रेणु सिंह* पांडुलिपियों में हमारी सभ्यता -संस्कृति, साहित्य, दर्शन एवं इतिहास की बातें भरी पड़ी हैं। लेकिन
*स्टडी सर्किल योजनान्तर्गत गीता-दर्शन विषयक संवाद आयोजित —–++ दर्शनशास्त्र विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) के तत्वावधान में आयोजित गीता-दर्शन विषयक संवाद का आयोजन
*नागरी लिपि मेंसं युक्ताक्षरों का काफी महत्व : डॉ. उत्तम सिंह* *यदि सर्वे हो, तो एक करोड़ तक पहुंच सकती है नागरी लिपि में पांडुलिपियों
*गीता-दर्शन पर संवाद आज* दर्शनशास्त्र विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) के तत्वावधान में 31 मई, 2022 (मंगलवार) को गीता-दर्शन विषयक संवाद का आयोजन
**हमारी राष्ट्रीय संपदा हैं पांडुलिपियां : डॉ. उत्तम सिंह* भारत में दुनिया की सर्वाधिक पांडुलिपियां हैं। ये पांडुलिपियां हमारी प्राचीन ज्ञान परम्परा की वाहक हैं
*सच्चे समाजवादी संत थे भूपेंद्र नारायण मंडल : कुलपति* भूपेंद्र नारायण मंडल (1904-1975) एक अग्रणी समाजवादी विचारक एवं अद्वितीय जननेता थे। उनका जीवन सादगी, सच्चाई
*उत्तर भारत में बेहद लोकप्रिय रही है कैथी लिपि : डॉ. भवनाथ झा* कैथी उत्तर भारत की बेहद सरल, अत्यंत लोकप्रिय एवं द्रुत गति से
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