*समन्वयक ने किया शिविर का उद्घाटन*
सेवा की प्रेरणा देता है एनएसएस : समन्वयक
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) हमें समाज एवं राष्ट्र के प्रति समर्पित नागरिक बनाता है। हमें परिवार, समाज एवं राष्ट्र तथा संपूर्ण विश्व से जोड़ता है। यह हमें सभी मानव एवं संपूर्ण चराचर जगत सेवा की प्रेरणा देता है।
यह बात भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के एनएसएस समन्वयक डाॅ. अभय कुमार ने कही। वे बुधवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय की एनएसएस प्रथम इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर का उद्घाटन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एनएसएस का सूत्र वाक्य मैं नहीं, आप है। हमें अपने जीवन में इस सूत्र वाक्य को आत्मसात करना चाहिए और स्वार्थ से उपर उठकर समाज एवं राष्ट्र के लिए जीना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारा जीवन हमारे समाज एवं राष्ट्र पर निर्भर है। हमें समाज एवं राष्ट्र से बहुत कुछ मिलता है। अतः हमें समाज एवं राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनएसएस युवाओं में की भावना को बढ़ावा देता है।
*रचनात्मक कार्यों से जुड़ें युवा*
कार्यक्रम में आशीर्वचन देते हुए महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के कुलपति प्रोफेसर डाॅ. मनोज कुमार ने कहा कि भारत का प्राचीन इतिहास बहुत समृद्ध रहा है। हमारे मनीषियों ने सेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया है। वे यह मानते थे कि समस्त ब्रह्माण्ड एक है। सबों के विकास में ही हमारा व्यक्तिगत विकास भी निहित है।
उन्होंने कहा कि युवा सेवा की ओर अग्रसर हों और सृजनात्मक एवं रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाएँ।
*अंतिम व्यक्ति का कल्याण ही लक्ष्य*
मुख्य अतिथि गाँधी विचार विभाग, तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. विजय कुमार ने कहा कि महात्मा गाँधी ने समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण का सपना देखा था। इसी सपने को पूरा करने के लिए एनएसएस की शुरूआत की गई है और यही एनएसएस का उद्देश्य भी है। इसका उद्देश्य युवाओं की उर्जा को राष्ट्र-निर्माण में लगाना है।
उन्होंने कहा कि युवा उर्जा के भंडार हैं। हमें युवाओं की उर्जा को सकारात्मक दिशा देनी है और उसके माध्यम से सर्वोदय की कल्पना को साकार करना है।
उन्होंने कहा कि युवा समाज एवं राष्ट्र के आधार स्तंभ हैं। युवाओं के ऊपर ही हमारा भविष्य निर्भर है। युवाओं का विकास होगा, तो परिवार, समाज एवं राष्ट्र भी स्वस्थ होगा।
*राष्ट्र से जोड़ता है एनएसएस*
विशिष्ट अतिथि अकादमिक निदेशक प्रोफेसर डाॅ. एम. आई. रहमान ने कहा कि एनएसएस हमें स्वयं से ऊपर उठाकर समाज एवं राष्ट्र से जोड़ता है। हमारा सभी कार्य हमारे समाज एवं राष्ट्र के लिए समर्पित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे भी एनएसएस से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और इसकी वजह से उनमें सेवा की भावना आई है। यह हमें विनम्रता एवं समानता की सीख देता है और हमारे अंदर राष्ट्रप्रेम जगाता है।
सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान ने कहा कि हमारे युवा एनएसएस के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान दें। वे पठन-पाठन के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ें। युवाओं की सक्रिय भागीदारी से ही समाज में परिवर्तन आएगा और नए भारत का निर्माण होगा।
बीएनएमभी काॅलेज, मधेपुरा में हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर अंजली कुमारी ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी वंचित वर्ग मुख्यधारा में नहीं आ पाया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता
प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव ने किया। संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पूर्व कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. उपेंद्र प्रसाद यादव ने की। व्यवस्थापक की भूमिका ऑफिसर लेफ्टिनेंट गुड्डु कुमार ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया। अंत में सबों ने न्यू इंडिया कैंपेन में भी भागीदारी निभाई और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लिया। राष्ट्रगान जन-गण-मन के सामूहिक गायन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस अवसर पर खाड़ा पंचायत की निवर्तमान मुखिया मृदुला रानी, डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, डाॅ. उपेंद्र प्रसाद यादव, डाॅ. राजकुमार रजक, डाॅ. सुभाष पासवान, सारंग तनय, माधव कुमार, अमरेश कुमार अमर, सौरभ कुमार चौहान, सुनील कुमार गुप्ता, राजीव कुमार रंजन, अवधेश कुमार, बाबूल कुमार, मधु कुमारी, पवन कुमार, ज्योति कुमारी, मनजीत कुमार, संतोष कुमार, सत्यम कुमार, सौरभ कुमार, गौरव कुमार, प्रिंस कुमार, निशु कुमारी, जुही राज, सूरज प्रताप, पुनीत, रवि, हिमांशु राज, निखिल कुमार, ज्योतिष, रौशन कुमार रमन आदि उपस्थित थे।
शिविर में पचास चुने हुए स्वयंसेवक- स्वयंसेविकाएँ भाग लेंगे। शिविरार्थियों द्वारा शिविर में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा और विभिन्न घरों में स्वास्थ्य संबंधी सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक दिन स्वच्छता, स्वास्थ्य, पर्यावरण, पोषण, आपदा-प्रबंधन आदि विषयों पर ऑफलाइन-ऑनलाइन परिचर्चा होगी।