*प्रौद्योगिकी और समाज विषयक संवाद 31 अगस्त को*
मधेपुरा। दर्शनशास्त्र विभाग, बीएनएमयू, मधेपुरा के तत्वावधान में 31 August, 2022 बुधवार को पू. 10:50 बजे से ‘प्रौद्योगिकी और समाज’ विषयक ऑनलाइन- ऑफलाइन संवाद का आयोजन किया गया है। इसमें सभी विषयों के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी और इस विषय में रूचि रखने वाले कोई भी व्यक्ति भाग ले सकते हैं। प्रतिभागियों को प्रश्नोत्तर का भी अवसर मिलेगा।
आयोजन सचिव डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि संवाद में चर्चित दार्शनिक डॉ. आलोक टंडन, हरदोई (उत्तर प्रदेश) मुख्य वक्ता और अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर मुख्य अतिथि होंगे।
अध्यक्षता आईसीपीआर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेशचंद्र सिन्हा, स्वागत पटना विश्वविद्यालय, पटना के पूर्व अध्यक्ष सह दर्शन परिषद्, बिहार के पूर्व अध्यक्ष डॉ. पूनम सिंह और धन्यवाद ज्ञापन दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार करेंगे। इस अवसर पर अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ. राजकुमार सिंह, कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर, निदेशक शैक्षणिक डॉ. एम. आई. रहमान, निदेशक आईक्यूएसी डॉ. नरेश कुमार, आदि की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।
*आईसीपीआर की है महत्वपूर्ण योजना*
डॉ. शेखर ने बताया कि ‘स्टडी सर्किल’ कार्यक्रम कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् (आईसीपीआर), नई दिल्ली की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत लोगों का एक छोटा समूह नियमित रूप से एक वर्ष तक प्रत्येक माह एक पूर्व निर्धारित विषय पर संवाद और चर्चा-परिचर्चा करते हैं। इसमें सर्वप्रथम एक विशेषज्ञ वक्ता अपना व्यक्त देते हैं। तदुपरांत उनके वक्तव्य एवं विषय के विभिन्न पहलुओं पर टिप्पणी एवं प्रश्नोत्तर होगा।
*सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं चार संवाद*
बीएनएमयू, मधेपुरा में स्टडी सर्किल अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक चलेगा। प्रथम संवाद (अप्रैल 2022) में आईसीपीआर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेशचन्द्र सिन्हा ने ‘सांस्कृतिक स्वराज’ विषय पर मार्गदर्शन दिया था। दूसरे संवाद में ‘गीता का दर्शन’ विषय पर अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर मुख्य वक्ता थे। जून में तीसरा संवाद ‘मानवता के लिए योग’ विषय पर हुआ, जिसके मुख्य वक्ता पटना विश्वविद्यालय पटना के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. एन. पी. तिवारी और जुलाई में चौथे संवाद (भारतीय दर्शन में जीवन-प्रबंधन) के मुख्य वक्ता डॉ. इंदु पांडेय खंडुरी, श्रीनगर-गढ़वाल (उत्तराखंड) थीं। बुधवार को पांचवां संवाद निर्धारित है।
*आगे के विषय भी निर्धारित*
आगे वेदांत दर्शन : एक विमर्श (डाॅ. राजकुमारी सिन्हा, रांची), बौद्ध दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. वैद्यनाथ लाभ), नव वेदांत की प्रासंगिकता (स्वामी भवात्मानंद महाराज), समाज-परिवर्तन का दर्शन (डॉ. पूनम सिंह) एवं राष्ट्र-निर्माण में आधुनिक भारतीय चिंतकों का योगदान (डॉ. नरेश कुमार अम्बष्ट), टैगोर का मानववाद (डॉ. सिराजुल इस्लाम), गांधी-दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. विजय कुमार) एवं सर्वोदय-दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. विजय कुमार) विषयक संवाद का आयोजन किया जाएगा।
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*सादर आमंत्रण*
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दर्शनशास्त्र विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) के तत्वावधान में 31 अगस्त, 2022 (बुधवार) को *प्रौद्योगिकी और समाज* विषयक संवाद का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित स्टडी सर्किल योजना के तहत आयोजित है।
विनम्र प्रार्थना है कि इसमें ऑनलाइन भागीदारी सुनिश्चित कर कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने का कष्ट करेंगे।
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+++कार्यक्रम विवरण+++
(पू. 11:00- अ. 01:15)
पू. 11:05 = कार्यक्रम की रूपरेखा
पू. 11:10 = स्वागत भाषण
#प्रो. (डॉ.) पूनम सिंह, अध्यक्ष, दर्शन परिषद्, बिहार एवं पूर्व अध्यक्षा, दर्शनशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना
पू. 11: 20 = मुख्य वक्ता का उद्बोधन
#डॉ. आलोक टंडन, हरदोई (उत्तर प्रदेश)
पू. 11 : 55 = मुख्य अतिथि का उद्बोधन
#प्रो. (डॉ.) जटाशंकर, अध्यक्ष, अखिल भारतीय दर्शन परिषद् एवं पूर्व अध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)
अ. 12 : 20= प्रश्नोत्तर
अ. 12 : 45= अध्यक्षीय वक्तव्य
#प्रो. (डॉ.) रमेशचन्द्र सिन्हा, पूर्व अध्यक्ष, आइसीपीआर, नई दिल्ली एवं पूर्व अध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना
अ. 01 : 10 = धन्यवाद ज्ञापन
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