

Kabir कबीर के लिए। दिनेश कुशवाहा
कबीर कवि होने की पराकाष्ठा हैं। मनुष्य होने की मिसाल हैं। फिर भी उन्हें पांच सौ साल तक कवि नहीं माना इस देश के बुद्धिजीवियों
कबीर कवि होने की पराकाष्ठा हैं। मनुष्य होने की मिसाल हैं। फिर भी उन्हें पांच सौ साल तक कवि नहीं माना इस देश के बुद्धिजीवियों
डॉ. रवि : कुलपिता का कालखंड मैंने 03 जून, 2017 को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा के प्रतिष्ठित ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में असिस्टेंट
सास भी कभी बहु थी…. मेरी टेलीविजन सिरियल्स में रूचि नहीं के बराबर है, लेकिन अभी बार-बार मेरे कानों में एक सिरियल का टायटल गूंज
शुरूआती सफर की कुछ यादें-कुछ बातें… =============== -सुधांशु शेखर, बिहार लोक सेवा आयोग, पटना द्वारा वर्ष 2014 में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए विज्ञापन निकला था।
‘हिंदी काव्यालोचना का व्यावहारिक पक्ष ‘हिंदी काव्यलोचन क व्यावहारिक संदर्भ’ पुस्तक प्रकाशित ———- नववर्ष (2024) के प्रथम सप्ताह में गुरुवर प्रोफेसर डॉ. बहादुर मिश्र की
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