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BNMU संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों द्वारा शिक्षा विभाग में होगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन। ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित

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संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों द्वारा शिक्षा विभाग में होगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन
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ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित

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निदेशक (उच्च शिक्षा), शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, पटना के के पत्र के आलोक में सभी संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों द्वारा शिक्षा विभाग, नया सचिवालय, पटना में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) दिया जाना है। इसके तैयारियों की समीक्षा के निमित्त कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव के निदेशानुसार सोमवार को डीएसडब्ल्यू डॉ. राजकुमार सिंह की अध्यक्षता में ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित की गई। डीएसडब्ल्यू ने बताया कि कुलपति ने सभी संबंधित महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निदेशित किया है कि इस मामले को पूरी गंभीरता से लेते हुए पीपीटी को जिम्मेदारीपूर्वक तैयार किया जाए‌। जहां भी आवश्यकता हो विशेषज्ञों की मदद भी ली जा सकती है।

उन्होंने बताया कि निदेशक उच्च शिक्षा से प्राप्त पत्र के आलोक में कुलसचिव प्रो. (डॉ.) मिहिर कुमार ठाकुर ने गत 19 सितंबर को ही सभी संबंधित महाविद्यालयों को प्रेषित कर अनुरोध किया है कि तालिका मे निर्धारित कार्यक्रमानुसार निर्धारित तिथि को ससमय विभागीय प्रतिनियुक्त पदाधिकारी के समक्ष शिक्षा विभाग के सभागार में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन सुनिश्चित किया जाए। कुलपति के निदेशानुसार सभी संबंधित महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को यह पत्र रविवार को दुबारा ई. मेल एवं वाट्सएप से भेजा गया है। इसके साथ ही सोमवार को निर्धारित ऑनलाइन बैठक की सूचना भी प्रेषित की गई और सोमवार को आनलाइन बैठक का आयोजन किया गया।

उन्होंने बताया कि कुलपति ने सभी संबंधित महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निदेशित किया है कि इस मामले को पूरी गंभीरता से लेते हुए पीपीटी को जिम्मेदारीपूर्वक तैयार किया जाए‌। जहां भी आवश्यकता हो विशेषज्ञों की मदद भी ली जा सकती है।

बैठक में विषय प्रवेश कराते हुए यूभीके कॉलेज, कड़ामा-आलमनगर के संस्थापक प्रधानाचार्य डॉ. माधवेन्द्र झा ने पीपीटी के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पीपीटी में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी देनी है। इसमें सर्वप्रथम महाविद्यालय का नाम, गेट का फोटोग्राफ, महाविद्यालय को संबद्धता प्रदान करने के पत्र, विषय का नाम प्राप्त संबंधन का प्रतिवेदन, संबंधन का पत्रांक एवं दिनांक तथा अभियुक्ति देना है। जियो टैगिंग पर महाविद्यालय का भवन, आधारभूत संरचना एवं भूमि का कुल 5 फोटोग्राफ, भूमि के अभिलेख का विवरण,
निबंधन संख्या, कुल रकवा, खाता संख्या, खेसरा संख्या एवं थाना नंबर भी देना है। अद्यतन मालगुजारी रसीद का फोटो भी देना है। दो भू-खण्डों में भूमि होने की स्थिति में दोनों भू-खण्डों की बीच की दूरी के संबंध में अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत दूरी का प्रमाण-पत्र संलग्न करना है। लैंड पोजीशन सर्टिफिकेट का फोटो, महाविद्यालय का नजरी नक्शा का फोटो देना है।

उन्होंने बताया कि पीपीटी में विषयवार प्रयोगशालाओं एवं कम्प्यूटर लैब के अंदर के सभी सामग्री के साथ कुल 05 फोटो एवं विडियो देना है। साथ ही पुस्तकालय में मानक के अनुरूप पुस्तकों की संख्या तथा मैगजीन, जर्नल एवं दैनिक समाचार पत्र सहित का कम से कम 10 फोटो एवं विडियो भी देना है। इसके अलावा विगत सत्र में नामांकित छात्र- छात्राओं की संख्या (पाठ्यक्रमवार) तथा सत्रवार उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की संख्या पाठ्यक्रमवार सभी वर्ग कक्ष में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का अलग- अलग फोटोग्राफ एवं विडियो देना है।

उन्होंने बताया कि अंत में क्या महाविद्यालय द्वारा एनएएसी एवं एनआईआरएफ और यूजीसी के 2-एफ एवं 12-बी से मान्यता के लिए किए गए प्रयासों के फलाफल की विवरणी एवं योजनाएं और के लिए किए गए प्रयासों की स्थिति की भी जानकारी देनी है। यदि महाविद्यालय में वोकेशनल एवं प्रोफेशनल कोर्स चल रहे हैं, तो उसकी विवरणी मान्यता देने वाली संस्था के पत्र के साथ देना है।‌शिक्षको एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के विषयवार नाम,योग्यता, आधार नं. एवं फोटोग्राफ, मोबाईल नं. कई जानकारियां देनी है। इसके अलावा उपलब्ध कोष, महाविद्यालय के सभी के सभी खातों की जानकारी, उपलब्ध कुल राशि का भी विवरण देना है। महाविद्यालय के कुल उपलब्ध उपस्कर, कुर्सी, बेंच-डेस्क आदि की जानकारी देनी है। इसके अलावा महाविद्यालय के वेबसाइट का यूआरएल तथा वेबसाइट के अंतिम अपडेशन की तिथि एवं महाविद्यालय के वेबसाइट पर सभी महत्वपूर्ण सूचनाएं अंकित हैं दर्शाया जना है।

मधेपुरा महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि यह सभी संबद्ध महाविद्यालयों के लिए अपनी सुव्यवस्था के प्रदर्शन का एक सुनहरा अवसर है। इसमें घबड़ाने की बात नहीं है। जहां भी कोई दिक्कत हो, विश्वविद्यालय पदाधिकारियों और अन्य महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों से भी सुझाव लिया जा सकता है।

*उच्च शिक्षा विभाग के नामित पदाधिकारियों के समक्ष होगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन*

बैठक का संचालन करते हुए उपकुलकचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि बीएनएमयू के 14 संबद्ध महाविद्यालयों का पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) 26-30 सितंबर के बीच अ. 05 बजे से उच्च शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के सभागार में उच्च शिक्षा विभाग के नामित पदाधिकारियों के समक्ष सुनिश्चित है। इसके लिए उ. निदेशक दिवेश कुमार चौधरी, उ. निदेशक विभा कुमारी, निदेशक प्रो. रेखा कुमारी, सचिव वैद्यनाथ यादव, उ. निदेशक दीपक कुमार एवं विशेष सचिव सतीशचन्द्र झा के नाम निर्धारित हैं।

*26-30 सितंबर तक निर्धारित है पीपीटी*

उन्होंने बताया कि सबसे पहले 26 सितंबर को एकमात्र यूभीके कॉलेज, कडामा-मधेपुरा का पीपीटी होगा। तदुपरांत 27 सितंबर को 10 महाविद्यालयों का पीपीटी होना है। इनमें सीएम साइंस कॉलेज, मधेपुरा, आदर्श कॉलेज, घेलाड़-मधेपुरा, एसपीएम लॉ कॉलेज, मधेपुरा, के. बी. वीमेंस कॉलेज, मधेपुरा, मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा, डिग्री कॉलेज, सुपौल, लक्ष्मीनाथ कॉलेज, बनगांव-सहरसा, बीएस कॉलेज, सिमराहा-सहरसा, ए. एल. वाई. कॉलेज, त्रिवेणीगंज-सुपौल एवं एस. एन. एस. महिला कॉलेज, सुपौल के नाम शामिल हैं। इसके अलावा 29 सितंबर को के. एन. डिग्री कॉलेज, राघोपुर-सुपौल एवं आर. पी. एम. कॉलेज, तुनियाही-मधेपुरा और 30 सितंबर को एस. ए. के. एन. डी. कॉलेज, मधेपुरा का पीपीटी होना है।

*पीपीटी के बाद ही जारी होगा अनुदान*
उन्होंने बताया कि पीपीटी के लिए कई महत्वपूर्ण निदेश प्राप्त हुए हैं। तदनुसार एक ही तिथि का जीपीएस मैप कैमरा (सॉफ्टवेयर) से खींचे गए सभी वर्ग कक्षों में संचालित वर्ग-कक्ष का फोटो पीपीटी में लगाना है। यही महाविद्यालय में वास्तविक छात्रोपस्थिति का साक्ष्य होगा। पीपीटी में पिछले एक सप्ताह का तिथिवार एवं विषयवार छात्र/छात्रा की उपस्थिति दर्ज करनी है। पीपीटी के समय शासी निकाय/ ऐड-हॉक कमिटी के सभी सदस्य उपस्थित होंगे। पीपीटी के बाद ही विश्वविद्यालय द्वारा विभाग से सहमति प्राप्त कर संबद्ध महाविद्यालयों को अनुदान मुक्त किया जाएगा।



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