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BNMU विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि : कुलपति। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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*विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि : कुलपति*
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विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

यह बात बीएनएमयू के नवनियुक्त कुलपति प्रो. राजनाथ यादव ने कही। वे शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में कुछ प्रमुख मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों से अनौपचारिक वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के हित में नियमित रूप से कक्षाओं के संचालन पर सर्वाधिक ध्यान दिया जाएगा। सीबीसीएस पाठ्यक्रम के अंतर्गत स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी।क्षसभी सत्रों को नियमित किया जाएगा। सभी विलंबित परीक्षाएँ अविलंब आयोजित होंगी और ससमय त्रुटिरहित परीक्षाफल का प्रकाशन सुनिश्चित कराया जाएगा। पेंडिंग की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में सभी कार्य नियम-परिनियम के अनुरूप विधिसम्मत तरीके से होगा। सभी पदाधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे नियम-परिनियम की जानकारी रखें और उसका समुचित अनुपालन सुनिश्चित करें। विश्वविद्यालय में संचिकाओं का नियम-परिनियम के आलोक में त्वरित निष्पादन किया जाए। किसी भी परिस्थिति में किसी को भी विश्वविद्यालय के कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े।

उन्होंने कहा कि सभी स्नातकोत्तर विभागों और महाविद्यालयों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। पुस्तकालयों एवं प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। पुस्तकालयों का का डिजिटलाइजेशन होना बहुत जरूरी है। इससे छात्र घर बैठे अपने यूजर आईडी और पासवर्ड से अध्ययन कर पाएंगे। इसके दिशा में प्रयास किया जाएगा।

पत्रकारों द्वारा विभिन्न प्रस्तावित कोर्सों के शुरू नहीं हो पाने से संबंधित प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि संबंधित पदाधिकारी से जानकारी लेकर कारगर कदम उठाए जाएंगे। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को नैक से मान्यता दिलाने की दिशा में प्रयास किया जाएगा। इसके लिए आईक्यूएसी के निदेशक से जानकारी ली जाएगी। गर्ल्स हॉस्टल के संबंध में सवाल पूछे जाने पर कुलपति ने कहा कि वे मामले की जानकारी लेंगे और जो भी कमियां होगी उसे दूर किया जाएगा।

इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. राजकुमार सिंह, कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, उपकुलसचिव स्थापना डॉ. सुधांशु शेखर एवं कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव आदि उपस्थित थे।

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