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BNMU राष्ट्र-निर्माण की एक महत्वपूर्ण योजना है एनएसएस : कुलसचिव।

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*कार्यक्रम पदाधिकारियों की बैठक आयोजित*

राष्ट्र-निर्माण की एक महत्वपूर्ण योजना है एनएसएस : कुलसचिव

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) राष्ट्र-निर्माण की एक महत्वपूर्ण योजना है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण, आपदा राहत, सामाजिक सेवा आदि सभी क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है।

यह बात कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ठाकुर ने कही। वे गुरूवार को एनएसएस के सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि भारत में छात्रों को राष्ट्रीय सेवा के कार्य में शामिल करने का विचार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समय से ही चला आ रहा है। छात्रों का यह पहला कर्तव्य है कि वे अध्ययन के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ें।

उन्होंने बताया कि आजादी के बाद डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शैक्षिक संस्थानों में गांधी की भावनाओं के अनुरूप स्वैच्छिक राष्ट्रीय सेवा शुरू करने की सिफारिश की थी। इस पर केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड ने जनवरी, 1950 में अपनी बैठक में विचार किया।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने काफी विचार-विमर्श के बाद तत्‍कालीन शिक्षामंत्री डॉ. वी. के. आर. वी. राव के विशेष प्रयास से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सौंवें जयंती वर्ष (1969) में एनएसएस की शुरुआत की। शुरू में यह योजना देश के 37 विश्वविद्यालयों में लागू थी और इसमें 40 हजार स्वयंसेवकों थे। अब 6 सौ 57 विश्वविद्यालयों एवं 51 अन्य शैक्षणिक संस्थानों में फैल चुका है और इसमें कुल 39 लाख 87 हजार 7 सौ 81 स्वयंसेवक पंजीकृत हैं।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि एनएसएस का आदर्श वाक्य ‘मैं नहीं, बल्कि आप’ है। यह हमें निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करता है। इसलिए सभी कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वयंसेवक अपने निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर समाज एवं राष्ट्र के लिए कार्य करते हैं।

उन्होंने बताया कि आज की बैठक में माय भारत पोर्टल पर अधिकांश महाविद्यालयों एवं सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों का पंजीयन कराया गया। आगे कार्यक्रम पदाधिकारियों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम कराया जाएगा। कार्यक्रम पदाधिकारियों‌ को अनुभव प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा और संतोषप्रद प्रदर्शन करने वाले कार्यक्रम पदाधिकारियों को पॉकेट एलवायंस का भुगतान किया जाएगा। विश्वविद्यालय स्तर पर प्रत्येक वर्ष उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन कार्यक्रम पदाधिकारियों तथा दस स्वयंसेवकों को पुरस्कृत किया जाएगा।

इस अवसर पर डॉ. इन्द्रकान्त झा, डॉ. अमिस कुमार, डॉ. शंभु यादव, मो. शोएब आलम, डॉ. बिरेन्द्र पासवान, डॉ. चंद्रशेखर आजाद, डॉ. प्रभाकर कुमार, डॉ. बलवीर कुमार, डॉ. शिवकुमार पासवान, डॉ. सुभाषचंद्र राम, डॉ. सुजीत कुमार वत्स आदि उपस्थित थे।

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