*बीएनएमयू : आर्थिक क्षतिपूर्ति की राशि हेतु निदेशक को पत्र*
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बीएनएमयू ने सरकार से वर्ष 2819-20, 2020-21, 2021-22 एवं 2822-23 के लिए औपबंधिक रूप से छब्बीस करोड़ बहत्तर लाख चार हजार पांच सौ अन्ठावन रूपए मात्र की राशि मांग की है। इस संदर्भ में कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव के आदेशानुसार कुलसचिव प्रो. (डॉ.) मिहिर कुमार ठाकुर ने निदेशक (उच्च शिक्षा) को पत्र प्रेषित किया गया है।
*विभाग द्वारा शुल्क से सम्बन्धित आर्थिक क्षतिपूर्ति का है प्रावधान है*
डीएसडब्ल्यू प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह ने बताया कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सामान्य पाठ्यक्रमों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सभी विद्यार्थियों (छात्र-छात्राओं) तथा सभी कोटि की छात्राओं को स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा में प्रत्येक स्तर पर नामांकन के समय सभी प्रकार के शुल्क नहीं लिए जाने का निर्णय संसूचित है। विभाग द्वारा शुल्क से सम्बन्धित आर्थिक क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। तदनुसार शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय को अविलंब अद्यतन प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है।
*कई बार भेजा गया था पत्र*
उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि गत पांच अक्टूबर को संबंधित विवरणी प्राप्ति हेतु सभी प्रधानाचार्यों एवं विभागाध्यक्षों को पत्र प्रेषित किया गया है। इसके आलोक में विवरणी प्राप्त होने के बाद पुनः निदेशक (उच्च शिक्षा) को अंतिम प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा।
डॉ. शेखर ने बताया कि 24 जुलाई, 2015 को शिक्षा विभाग के विभागीय संकल्प संख्या-1457 द्वारा संदर्भित निर्णय संसूचित है।बीएनएमयू में भी इसका अनुपालन किया जा रहा है और इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा सभी संबंधितों को लगातार आवश्यक निदेश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि गत चार सितंबर को भी विश्वविद्यालय अन्तर्गत सभी स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों तथा अंगीभूत एवं सम्बद्ध महाविद्यालय को पत्र प्रेषित किया गया है। पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए निदेश का अनुपालन कठोरता से करें तथा किसी भी परिस्थिति में विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क नहीं लें।