BNMU प्रति कुलपति ने किया सेमिनार का उद्घाटन। एक दूसरे से जुड़े स्वास्थ्य, समाज एवं मनोविज्ञान : प्रति कुलपति

*प्रति कुलपति ने किया सेमिनार का उद्घाटन*

एक दूसरे से जुड़े स्वास्थ्य, समाज एवं मनोविज्ञान : प्रति कुलपति

मूल्यों से बनता है समाज : प्रति कुलपति


सामान्यत: यह माना जाता है कि एक जगह पर कुछ लोग रहने लग जाते हैं, तो समूह बन जाता है। परन्तु वास्तव में समाज तब बनता है, जब किसी जगह के लोग खास मूल्यों से संबद्ध हों। जब किसी समूह के लोग चाहे वे एक साथ रहते हों या दूर-दूर जब समान नैतिक मूल्यों को शेयर करते हैं, तो समाज बनता है।

यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा की प्रति कुलपति प्रो. (डॉ.) आभा सिंह ने कही।

वे शनिवार को स्वास्थ्य, समाज एवं मनोविज्ञान : समस्याएं, चुनौतियां एवं समाधान विषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन कर रहे थे।

कार्यक्रम का आयोजन स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के तत्वावधान में किया गया।

प्रति कुलपति ने कहा कि समाज में कुछ वैसे व्यक्ति भी होते हैं, जिनमें सोचने- समझने की शक्ति नहीं होती है। लेकिन सही अर्थों में स्वास्थ व्यक्ति वही कहला सकता है, जो विवेकवान हो। लेकिन दुख की बात है कि विवेकवान नागरिक बनाने के लिए जैसी शिक्षा चाहिए, हम उससे अभी दूर हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, समाज एवं मनोविज्ञान एक-दूसरे से जुड़े हैं और इसमें शिक्षा की महती भूमिका है। जिस समाज में शिक्षा का प्रसार अधिक है, उस समाज में स्वास्थ्य समस्याएं कम होती हैं। भारत के सबसे शिक्षित राज्य केरल में शिशु-मृत्यु दर सबसे कम है।

*सिर्फ अस्पताल खोलकर समाज को रोगमुक्त करना असंभव : प्रति कुलपति*

उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में यह साबित हो गया कि सिर्फ अस्पताल खोलकर संसार को रोगमुक्त करना असंभव है। यही कारण है कि संकटकाल में अमेरिका जैसे विकसित देश भी सभी लोगों को समुचित चिकित्सीय सुविधा नहीं दे पाए। अत: हम सही जीवनशैली अपनाएं और बीमारियों से सावधानी रहें।

*मानव जीवन को आनंदमय बनाना है मनोविज्ञान का मुख्य उद्देश्य : तारणीजी*

मुख्य अतिथि भारतीय मनोवैज्ञानिक संघ के अध्यक्ष डॉ. तारणीजी ने कहा कि मनोविज्ञान का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन को आनंदमय बनाना है। हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम आम लोगों तक मनोविज्ञान का लाभ पहुंचाएं और सबों के जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास करें।

मुख्य वक्ता (की-नोट स्पीकर) अकादमिक (निदेशक) डॉ. एम. आई. रहमान ने कहा कि मनुष्य के जीवन में मन का महत्वपूर्ण स्थान है। हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही बन जाते हैं।

*सभी अस्पतालों में मनोचिकित्सक एवं परामर्शी की नियुक्ति : डॉ. अशोक*

पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि सेमिनार के माध्यम से सरकार को एक रिकोमेंडेशन प्रेषित किया जाना चाहिए कि देश के सभी अस्पतालों में मनोचिकित्सक एवं परामर्शी की नियुक्ति हो।

*स्वस्थ व्यक्ति से ही होता है स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण : डॉ. अशोक*

मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। अतः हमें लोगों के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।

*सबसे बड़ी मनोवैज्ञानिक है माँ : डॉ. मानवेन्द्र झा*

यूभीके कालेज, कड़ामा के प्रधानाचार्य डॉ. माधवेन्द्र झा ने कहा कि मनोविज्ञान का मुख्य उद्देश्य एक बेहतर नागरिक का निर्माण है। इस अर्थ में माँ सबसे बड़ी मनोवैज्ञानिक है, क्योंकि माँ
ही बच्चों को स्वस्थ एवं सबल नागरिक बनाती हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता
करते हुए विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि हम सब किसी न किसी रूप में मनोवैज्ञानिक हैं। लेकिन मनोविज्ञान के विद्यार्थी को एक प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक बनना है।

अतिथियों का स्वागत परीक्षा नियंत्रक प्रो. आर. पी. राजेश एवं आयोजन सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने किया। संचालन दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव ने किया।

समारोह के पूर्व एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्डू कुमार के नेतृत्व में एनसीसी कैडेट्स द्वारा प्रति कुलपति की अगुवानी की गई। सभा भवन के मंच पर संस्थापक कीर्ति नारायण मंडल एवं स्वतंत्रता सेनानी वीर कुंवर सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि की गई। दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह की विधिवत शुरुआत हुई। अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया। नेहा कुमारी और उनकी टीम ने कुलगीत एवं स्वागत गान प्रस्तुत किया। अतिथियों द्वारा
स्मारिका का लोकार्पण किया गया। आईपीए की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लगभग एक दर्जन विद्वानों को गोल्ड मेडल प्रसिडेंसी अवार्ड और बेहतर पेपर प्रजेंटेशन के लिए सात शोधार्थियों को एकेडमिक एक्सलेंसी अवार्ड से सम्मानित किया गया। अंत में राष्ट्रगान जन-गण-मन के सामूहिक गायन के साथ उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ।

*लगाए गए स्वास्थ्य जागरूकता से संबंधित बैनर-पोस्टर*

इस अवसर पर बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना की ओर से संचालित सेहत केंद्र के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता से संबंधित बैनर-पोस्टर लगाए गए। इसके माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न मुद्दों, स्वच्छता के महत्व और सरकारी स्तर पर उपलब्ध सेवाओं की जानकारी दी गई है। इसके तहत एचआइवी व एड्स विषय पर जागरूकता बढ़ाने तथा स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित किया गया है। इसके अलावा पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, मादक पदार्थ के दुरूपयोग से हानि, गैर संचारी रोग, कम उम्र में गर्भधारण से हानि, सही समय पर विवाह के लाभ आदि पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई।

*शामिल हुए विभिन्न विश्वविद्यालयों के लगभग दो सौ प्रतिभिगी*

कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के लगभग दो सौ प्रतिभिगी शामिल हुए। इनमें ब्लड बैंक के इंचार्ज
डॉ. जितेन्द्र कुमार लाल (पटना), डॉ. अवधेश रजक (भागलपुर), डॉ. कृष्ण कुमार
(मुजफ्फरपुर), ललित कुमार
(खगड़िया), अतिथि व्याख्याता राकेश कुमार, डॉ. सीपी सिंह, मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, डॉ. उपेंद्र प्रसाद यादव, डॉ. किशोर कुमार, सारंग तनय, माधव कुमार, गौरव कुमार सिंह, सौरभ कुमार चौहान, हिमांशु, अभिषेक, सुजीत, अमरेश सहित दर्जनों शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

*समापन समारोह आज*
जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि रविवार को अपराह्न एक बजे से समापन समारोह का आयोजन किया गया है। इस‌ अवसर पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के पूर्व कुलपति डॉ. एन. के. वर्मा मुख्य अतिथि, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.)‌ रत्ना मुखर्जी एवं कुलसचिव डॉ. निरंजन प्रसाद विशिष्ट अतिथि होंगे। के. पी. कालेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान एवं अन्य सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थिती रहेंग।