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BNMU # निम्न लिंक पर क्लिक कर 21 अगस्त, 2020 को आयोजित सेमिनार का सर्टिफिकेट प्राप्त करें।

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निम्न लिंक पर क्लिक कर 21 अगस्त, 2020 को आयोजित सेमिनार का सर्टिफिकेट प्राप्त करें।https://forms.gle/wVYHqR6HsP4iRsz96

BNMU : 8 सर्टिफिकेट हेतु फीडबैक लिंक /21अगस्त, 2020 -16 सितंबर, 2020 तक का

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा एवं दर्शन परिषद्, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित

हमारे 8 सेमिनार/ वेबिनार के सर्टिफिकेट का लिंक-

1. 21 अगस्त, 2020 : कोरोना का शिक्षा एवं समाज पर प्रभाव, सर्टिफिकेट लिंक-https://forms.gle/wVYHqR6HsP4iRsz96

2. 24 अगस्त, 2020 : कोरोना का अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण पर प्रभाव, सर्टिफिकेट लिंक-https://forms.gle/1J1ifKpqeMrSUcL96

3. 28 अगस्त, 2020 : कोरोना का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव, सर्टिफिकेट लिंक-https://forms.gle/sD3PCr1d1nCG1eH59
4. 03 सितंबर, 2020 : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध आयाम, सर्टिफिकेट लिंक- https://forms.gle/bT7iymFtwXFFC9Fr9

5. 07 सितम्बर, 2020 : भारतीय शिक्षा व्यवस्था : कल, आज और कल
https://forms.gle/yayTJ11YjaE7c7Uq6

6. 09 सितम्बर, 2020 : अंतरराष्ट्रीय सेमिनार Sustainable Chemistry for the Future

https://forms.gle/EfT8Wyqk81Y2bA8T7

7. 11 सितंबर 2020 : स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं साक्षरता

https://forms.gle/UNSE76ZCDqJKn3DQA

8. 16 सितंबर, 2020 : शिक्षा, समाज एवं शांति

https://forms.gle/LSGDQyTup9KffNLJ

नोट : लिंक से प्रतिदिन मात्र एक सौ लोगों को सर्टिफिकेट मिल पा रहा है। लेकिन हम सभी लोगों को सर्टिफिकेट देने हेतु प्रतिबद्ध हैं।सभी लिंक सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट मिलने खुला रहेगा। हम इस बात के लिए भी प्रयासरत हैं कि एक दिन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को सर्टिफिकेट मिल सके। लेकिन ऑनलाइन सेमिनार/वेबिनार के इस पहले प्रयास में जानकारी के अभाव में हमें दिक्कतें हो रही हैं। इसलिए आपसे अनुरोध है कि धैर्य, विश्वास एवं सहयोग बनाए रखें। आपको हुई असुविधा के लिए हमें गहरा खेद है।

कृपया, हमारे आगामी कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर भाग लें। हमें आपसे सहयोग एवं समर्थन की उम्मीद है। आप सबों का आगामी कार्यक्रमों में हार्दिक स्वागत है। विवरण निम्नवत है-

9. 21 सितंबर, 2020 : भाषा, साहित्य एवं संस्कृति

 

10. 24 सितंबर, 2020 : पोषण, पर्यावरण एवं पंचायत

11. 28 सितंबर, 2020 : सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र-निर्माण

आगे हम प्रत्येक दिन सेमिनार की समाप्ति के 24 घंटे के अंदर अपने वेबसाइट www.bnmusamvad.com पर सर्टिफिकेट हेतु फीडबैक फार्म जारी करेंगे।

यदि आपने पंजीयन नहीं कराया है, तो आप अभी निम्न लिंक पर क्लिक कर पंजीयन कराएँ-
https://forms.gle/eg9NcSf2Re1s91cN7
एक ही बार पंजीकरण कराकर सभी कार्यक्रमों में भाग लिया जा सकता है। बार-बार पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है। यूट्यूब के माध्यम से कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी सक्रिय प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

सभी चयनित आलेखों को नि:शुल्क ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल बीएनएमयू संवाद और आईएसबीएन युक्त पुस्तक में प्रकाशित किया जाएगा।
सेमिनार/ वेबिनार का यू-टयूब चैनल बीएनएमयू संवाद YouTube.com/bnmusamvad पर सीधा प्रसारण होगा। प्रतिभागियों को इस चैनल को सब्सक्राइब करना आवश्यक है। सभी आवश्यक जानकारी (लिंक, फ़ीडबैक फॉर्म आदि) भी इस चैनल पर ससमय प्रसारित की जाएगा

डाॅ. सुधांशु शेखर, आयोजन सचिव

डाॅ. के. पी. यादव, प्रधानाचार्य

 

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दिनाँक 2 से 12 फरवरी, 2025 तक भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, दिल्ली में “जैन परम्परा में सर्वमान्य ग्रन्थ-तत्त्वार्थसूत्र” विषयक दस दिवसीय कार्यशाला का सुभारम्भ।

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