शोध सार भेजने की अंतिम तिथि 5 अप्रैल तक
—
शिक्षाशास्त्र विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के तत्वावधान में 18-19 अप्रैल को होने जा रहे मूल्य शिक्षा : आवश्यकता एवं चुनौतियां विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के अवसर पर एक स्मारिका का भी प्रकाशन किया जाएगा। इसमें शोघ सार (एबस्ट्रेक्ट) भेजने की अंतिम तिथि 5 अप्रैल तक निर्धारित की गई है। प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव ने बताया कि स्मारिका के लिए देवनागरी (हिंदी) या रोमन (अंग्रेजी) लिपि में पेजमेकर या वर्ड फार्मेट में टाइप किया गया अधिकतम पांच सौ शब्दों का शोध-सार स्वीकार्य है। हस्तलिखित एवं पीडीएफ फार्मेट में भेजा गया शोध सार प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा।
आयोजन सचिव शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. जावेद अहमद ने बताया कि स्मारिका के लिए मुख्य रूप से मूल्य शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर आलेख भेजे जा सकते हैं। इनमें मूल्य शिक्षा : अवधारणा एवं इतिहास, मूल्य शिक्षा : समस्याएं एवं चुनौतियां, मूल्य शिक्षा का दर्शन, मूल्य शिक्षा की आवश्यकता, शिक्षाशास्त्र में मूल्य शिक्षा का महत्व, स्कूली शिक्षा में मूल्य शिक्षा की आवश्यकता, नैतिक शिक्षा एवं चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व विकास में मूल्य शिक्षा का योगदान, शिक्षकों के लिए मूल्य शिक्षा की जरूरत, सामाजिक मूल्यों का क्षरण : कारण एवं निवारण, मूल्य शिक्षा : प्राचीन एवं आधुनिक संदर्भ, शिक्षा में मूल्य, मूल्य शिक्षा एवं मानवाधिकार आदि विषय शामिल हैं।
संयोजक दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि स्मारिका में शुभकामना संदेश भी प्रकाशित किए जाएंगे। इसके लिए कुलाधिपति सह राज्यपाल फागू चौहान, प्रधान संरक्षक सह कुलपति डॉ. आर. के. पी रमण, संरक्षक सह प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह और पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक पदमश्री प्रोफेसर डॉ. रामजी सिंह सहित कई विद्वानों को पत्र प्रेषित किया गया है।
शिक्षाशास्त्र विभाग के शिक्षक एवं कर्मचारी और विद्यार्थी सेमिनार की तैयारियों में जुटे हैं। इनमें अमित कुमार, डॉ. आशुतोष, विनीत राज, डॉ. विकास आनंद, डॉ. कुन्दन कुमार सिंह, डॉ. ललन कुमार, डॉ. अमित आनंद, नदीम अहमद अंसारी, कुंजन लाल पटेल,
डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. आसिफ अली, स्नेहा कुमारी,
सुप्रिता कुमारी, डॉ. अशोक कुमार अकेला, विवेकानन्द,
सुप्रिया सुमन, रानी, मनीष कुमार, सुदिश कुमार,
दीपक कुमार आदि के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
शोध सार भेजने की अंतिम तिथि 5 अप्रैल तक
—
शिक्षाशास्त्र विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के तत्वावधान में 18-19 अप्रैल को होने जा रहे मूल्य शिक्षा : आवश्यकता एवं चुनौतियां विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के अवसर पर एक स्मारिका का भी प्रकाशन किया जाएगा। इसमें शोघ सार (एब्सट्रेक्ट) भेजने की अंतिम तिथि 5 अप्रैल तक निर्धारित की गई है।
*अधिकतम पांच सौ शब्दों का शोध-सार स्वीकार्य होगा*
प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव ने बताया कि स्मारिका के लिए देवनागरी (हिंदी) या रोमन (अंग्रेजी) लिपि में पेजमेकर या वर्ड फार्मेट में टाइप किया गया अधिकतम पांच सौ शब्दों का शोध-सार स्वीकार्य है। हस्तलिखित एवं पीडीएफ फार्मेट में भेजा गया शोध सार प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा।
*मूल्य शिक्षा के किसी भी पहलु पर शोध सार भेजे जा सकते हैं*
आयोजन सचिव शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. जावेद अहमद ने बताया कि स्मारिका के लिए मुख्य रूप से मूल्य शिक्षा के किसी भी पहलु पर शोध सार भेजे जा सकते हैं। इनमें मूल्य शिक्षा : अवधारणा एवं इतिहास, मूल्य शिक्षा : समस्याएं एवं चुनौतियां, मूल्य शिक्षा का दर्शन, मूल्य शिक्षा की आवश्यकता, शिक्षाशास्त्र में मूल्य शिक्षा का महत्व, स्कूली शिक्षा में मूल्य शिक्षा की आवश्यकता, नैतिक शिक्षा एवं चरित्र-निर्माण, व्यक्तित्व विकास में मूल्य शिक्षा का योगदान, शिक्षकों के लिए मूल्य शिक्षा की जरूरत, सामाजिक मूल्यों का क्षरण : कारण एवं निवारण, मूल्य शिक्षा : प्राचीन एवं आधुनिक संदर्भ, शिक्षा में मूल्य, मूल्य शिक्षा एवं मानवाधिकार आदि विषय शामिल हैं।
*शुभकामना संदेश भी प्रकाशित किए जाएंगे*
संयोजक दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि स्मारिका में शुभकामना संदेश भी प्रकाशित किए जाएंगे। इसके लिए कुलाधिपति सह राज्यपाल फागू चौहान, प्रधान संरक्षक सह कुलपति डॉ. आर. के. पी रमण, संरक्षक सह प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह और पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक पदमश्री प्रोफेसर डॉ. रामजी सिंह सहित कई विद्वानों को पत्र प्रेषित किया गया है।
*तैयारियों में जुटा है विभाग*
मालूम हो कि शिक्षाशास्त्र विभाग में पहली बार राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है और पूरा विभाग इसकी तैयारियों में जुटा है। सभी शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी अपने-अपने निर्धारित जिम्मेदारियों को पूरा करने में जुटे हैं।
इनमें अमित कुमार, डॉ. आशुतोष, विनीत राज, डॉ. विकास आनंद, डॉ. कुंदन कुमार सिंह, डॉ. ललन कुमार, डॉ. अमित आनंद, नदीम अहमद अंसारी, कुंजन लाल पटेल, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. आसिफ अली, स्नेहा कुमारी, सुप्रिता कुमारी, डॉ. अशोक कुमार अकेला, विवेकानंद, सुप्रिया सुमन, रानी, मनीष कुमार, सुदिश कुमार, दीपक कुमार आदि के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।