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BNMU डॉ. राममनोहर लोहिया प्रतिभा संवर्धन एवं उत्प्रेरण कार्यक्रम का आयोजन

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*डॉ. राममनोहर लोहिया प्रतिभा संवर्धन एवं उत्प्रेरण कार्यक्रम का आयोजन*
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बिहार सरकार के उप सचिव, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के पत्र के आलोक में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे से डॉ. राममनोहर लोहिया प्रतिभा संवर्धन एवं उत्प्रेरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें विद्यार्थियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई और उनका लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया गया।

कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता बीएनएमयू के डीएसडब्ल्यू प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में सभी वर्गों में प्रतियोगिता बढ़ गई है। इसलिए विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा विभिन्न वर्गों के कल्याणार्थ कई योजनाएं चलाईं जा रही है। इन योजनाओं की समुचित सूचना लाभार्थियों तक पहुंचाने की जरूरत है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला कल्याण पदाधिकारी रामकृपाल प्रसाद ने कहा कि जिले में जननायक कर्पूरी ठाकुर अति पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावस, मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा के परिसर में एवं अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास शिवनंदन प्रसाद मंडल +2 विद्यालय के परिसर में एक सौ बेड का संचालित है। इसमें उच्च विद्यालय-महाविद्यालय में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को निःशुल्क छात्रावास में आवासन की समुचित सुविधा है। इसमें नामांकित छात्रों को मुख्यमंत्री छात्रावास अनुदान योजना अन्तर्गत एक हजार रुपए प्रति माह अनुदान दिया जाता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री छात्रावास खाद्यान्न योजना अन्तर्गत प्रतिमाह प्रति छात्र 9 किलो ग्राम चावल एवं 6 किलो ग्राम गेहूँ दिया जाता हैं। आवासित छात्रों को ऑनलाईन डिजिटल अध्ययन केंन्द्र एवं पुस्तकालय की सुविधा प्रदान की गई है।

उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कन्या +2 आवासीय विद्यालय जिले में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से मुरलीगंज में अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय संचालित हैं। वर्ग 06 में 40 छात्राए नामांकित एवं आवासित है। विद्यालय में छात्राओं हेतु निःशुल्क खाना, पोशाक, तेल, साबुन, दवाई, खेलकूद आदि का समुचित व्यवस्था है। वर्तमान में वर्ग 6 का संचालन किया गया है। छात्राओं को तेल, साबुन, वस्त्र, दवाई आदि के लिए दस हजार आठ सौ पचास डीबीटी के माध्यम से प्रति वर्ष दिया जाता है। छात्राओं को डिजिटल अध्ययन केन्द्र की सुविधा प्रदान की गई है।

अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी सौरभ भारद्वाज ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना‌ चलाई जा रही है। इसमें वित्तीय वर्ष 2018-19 से अति पिछड़ा वर्ग के छात्र / छात्राओं को यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर एक लाख रुपए मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत दिया जाता है। बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर मुख्य परीक्षा के तैयारी के लिए पचास हजार रुपए मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत दिया जाता है।

विशिष्ट अतिथि कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका ने बताया कि बीएनएमयू कैम्पस में संचालित प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र में एसएससी, रेलवे एवं बैंकिंग और बीपीएससी की तैयारी हेतु 60-60 छात्रों का एक-एक बैच संचालित हो रहा है। इसमें निःशुल्क कोचिंग सहित परीक्षा पूर्व तैयारी करवायी जाती है।

उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि बीएनएमयू में मुख्यमंत्री व्यवसायिक पाठ्यक्रम प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन अन्तर्गत संचालित है। इसमें नेट, गेट, जेआरएफ, पीएच. डी. आदि प्रतियोगिता परीक्षाओं में चयनित होने के लिए परीक्षा पर्व निःशुल्क प्रशिक्षण (कोचिंग ) की व्यवस्था है। इसमें 60-60 विद्यार्थियों का दो बैच संचालित किया जा रहा है।

मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि पिछडा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए वर्तमान में मुख्यमंत्री पिछडा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग कौशल विकास योजना, परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति आदि सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

इस अवसर पर बीसीए के विभागाध्यक्ष डॉ. डी. के. भारती, आदर्श कुमार, अमित कुमार, अविनाश कुमार, बबलू कुमार, राकेश कुमार, मनीष कुमार, सूरज कुमार, शिवानी राज, राहुल राज, सुशांत राज अंकित कुमार, राहुल कुमार, रितिका कुमार, चंदन राय, गोपाल कुमार मौसम कुमारी, पूर्णिमा कुमाटी, रिमा कुमारी, अतीक्षा कुमारी, निल, अनुपम, सलाम, श्वेता, प्रिति, निभा, खुशबू, प्रिति, अंधु, रीमा राज, बबीता, लवली, बबली, पूजा, प्रहलाद, प्रदीप, प्रेमशंकर, मंजेश, संतोष, नमन, करण कश्यप, पलक श्री, मधू, झोनल सुप्रिया भारती, भवेश, गौतम, नितीश, राजा आदि उपस्थित थे।

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

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