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Bihar सत्र के बीच में शिफ्टिंग के निर्णय का विरोध।

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सत्र के बीच में शिफ्टिंग के निर्णय को अविलंब वापस ले बिहार सरकार : अभाविप

बिहार सरकार द्वारा यह आदेश पारित किया गया है कि राज्य के महाविद्यालयों में अब इंटर की पढ़ाई नहीं होगी। महाविद्यालय में 11 वीं कक्षा में नामांकन ले चुके छात्र-छात्राओं को प्लस टू स्कूलों में शिफ्ट करना होगा। इस संबंध में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने सभी महाविद्यालयों को पत्र जारी किया है। इसके उपरांत प्रदेश में छात्र-छात्राओं का गुस्सा भड़क गया है एवं वे सड़क पर आंदोलनरत हैं।

11 वीं के छात्र- छात्रा अपने भविष्य निर्माण यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव में होते हैं। इस समय छात्र- छात्रा अपने बेहतरी एवं गुणवत्ता को प्राप्त करने हेतु अपनी पुरजोर प्रयास कर रहे होते हैं। उनके इस संघर्ष के मध्य में अध्ययन के बीच में ही शिफ्टिंग के तुगलकी फरमान से लाखों विद्यार्थियों के भविष्य खराब होने का खतरा बढ़ गया है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् सदैव छात्र कल्याण को अपना प्राथमिक कार्य माना है। परिषद सदैव छात्रों के संघर्ष की आवाज बनी है। प्रदेश में अभी लाखों छात्र- छात्रा सड़कों पर हैं। ऐसे तुगलकी फरमान से राज्य के साथ-साथ राष्ट्र का नाम भी धूमिल होगा। यह निर्णय विद्यार्थियों के प्रतिभा के साथ अन्याय है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, उत्तर बिहार प्रांत के प्रांत मंत्री अभिषेक यादव ने कहा कि सरकार बीच में शिफ्टिंग के अनुचित निर्णय को अविलंब वापस ले। बीच सत्र में संस्थान बदलने का तुगलकी फरमान को निरस्त कर नए सत्र से नामांकन प्रक्रिया करे। इस निर्णय से लाखो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। बिहार सरकार अगर इस निर्णय को अविलंब वापस नहीं करेगी तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी।

(यह प्रेस विज्ञप्ति प्रांत कार्यालय मंत्री प्रभात मिश्र द्वारा जारी की गयी है।)

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