BNMU बीएनएमयू में होगी गाँधी विचार की पढ़ाई

बीएनएमयू में होगी गाँधी विचार की पढ़ाई

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में गाँधी विचार की पढ़ाई का मार्ग प्रशस्त होने जा रहा। जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि विद्वत परिषद् की बैठक 23. 12. 2020 में लिए गए निर्णय के आलोक में कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आर. के. पी. रमण के आदेशानुसार स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर पर गाँधी विचार की पढ़ाई करने हेतु नियम-परिनियम एवं पाठ्यक्रम निर्माण समिति का गठन किया गया है।

समिति में प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आभा सिंह को अध्यक्ष और अस्सिटेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) डाॅ. सुधांशु शेखर को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। समिति में दर्शनशास्त्र विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के अध्यक्ष डाॅ. राजेश रंजन तिवारी, महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के डाॅ. मनोज कुमार एवं गाँधी विचार विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के अध्यक्ष अध्यक्ष डाॅ. विजय कुमार बाह्य विशेषज्ञ-सदस्य हैं। समिति में दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष शोभाकांत कुमार, निदेशक अकादमिक डाॅ. एम. आई. रहमान एवं परीक्षा नियंत्रक डाॅ. नवीन कुमार भी सदस्य के रूप में शामिल हैं।

कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना में समिति से निदेशानुसार अनुरोध है कि अपना विस्तृत प्रतिवेदन पंद्रह दिनों के अंदर अकादमिक शाखा कार्यालय में अग्रेतर कार्यार्थ जमा कराने का कष्ट करें।

डाॅ. शेखर ने बताया कि वे विगत चार वर्षों से विश्वविद्यालय में गाँधी विचार की पढ़ाई शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में एक दिसंबर 2018 को स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग की विभागीय परिषद् की बैठक संख्या-5 के माध्यम से विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजा गया था। बैठक में महात्मा गाँधी के 150वीं जयंती वर्ष (2018-19) के उपलक्ष्य में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में गाँधी विचार में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की शुरूआत करने हेतु प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी थी।

प्रस्ताव में कहा गया था कि पर्यावरण असंतुलन, आतंकवाद, सांप्रदायिकता, बेरोजगारी, विषमता आदि समस्याओं के समाधान हेतु महात्मा गाँधी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने की जरूरत है और इस दृष्टि से गाँधी विचार में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की महती उपादेयता है। पड़ोस के तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में गाँधी विचार (स्नातकोत्तर) काफी लोकप्रिय है और यह बीएनएमयू में भी सफल होगा।

डाॅ. शेखर ने बताया कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रेरणा और पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं गाँधीवादी विचारक पद्मश्री प्रोफेसर डाॅ. रामजी सिंह के प्रयास से वर्ष 1980 में गाँधी विचार विभाग की स्थापना हुई थी। आज यह विभाग देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है।

डाॅ. शेखर ने बताया कि तिलकमाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के गाँधी विचार विभाग से अब तक लगभग दो हजार विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर और सौ से अधिक विद्यार्थियों को पीएच. डी. की उपाधि प्राप्त हो चुकी है। साथ ही विभाग के लगभग तीन दर्जन विद्यार्थी नेट एवं एक दर्जन जेआरएफ की पात्रता प्राप्त कर चुके हैं। वहाँ 1996 में तीन और 2017 में चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति हो चुकी है। पुनः वर्ष 2020 में बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग से दो पदों पर नियुक्ति हेतु आवेदन जमा कराया गया है। विभाग के कई पूर्ववर्ती विद्यार्थी विभिन्न उच्च पदों पर आसीन हैं।