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BNMU कोरोना के कारण दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि

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बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति कार्यालय कक्ष के सामने प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर डाॅ. राम किशोर प्रसाद रमण ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण कई लोगों का असमय निधन हो गया है। उन लोगों को श्रद्धांजलि देने और उनके परिजनों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने का दैनिक जागरण का प्रयास काफी सराहनीय है। हम अपने पूरे विश्वविद्यालय परिवार की ओर से इस प्रयास में दैनिक जागरण के साथ हैं।

कुलपति ने कहा कि प्रार्थना से दुःखी मन को शांति मिलती है और इसी से व्यक्ति को संबल भी मिलता है। प्रार्थना से मन की पीड़ा समाप्त हो जाती है और व्यक्ति को बेहद राहत का अहसास होता है। कोरोना काल में लोग जिस पीड़ा से गुजरे हैं। यह असहनीय और अविस्मरणीय है। इस तकलीफ़ को लोग सदियों नहीं भूल पाएंगे। इस पीड़ा से तो सभी गुजरे है, लेकिन जिन लोगों ने इसे भोगा है उनकी आँखों के आँसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों की पीड़ा कम हो इसके लिए विवि से लेकर काॅलेज तक ईश्वर से प्रार्थना की जा रही है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे दुःखी लोगों के दुःखों को हरें और सभी को सुखमय जीवन प्रदान करें।

कुलपति ने कहा कि कोरोनाकाल में सक्रिय सेवा दे रहे कोरोनावारियर्स और स्वयंसेवक के रूप में कार्य कर रहे व्यक्तियों एवं संस्थाओं की सराहना की है।

कुलपति ने कहा कि कोरोनावारियर्स अपनी जान को हथेली पर रखकर दूसरों की जान बचाने के लिए काम कर रहे हैं। कोरोनावारियर्स के रूप में डाक्टर एवं अन्य चिकित्साकर्मी, पुलिस-प्रशासन के पदाधिकारी एवं कर्मी, पत्रकारिता एवं अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के कार्य अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण हैं। साथ ही कई लोग स्वेच्छापूर्वक विभिन्न रूपों में लोगों की सहायता एवं सेवा करने में लगे हैं। इन सबों की जितनी भी तारीफ की जाए, वह कम है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के अलावा हमारे विश्वविद्यालय में सक्रिय छात्र-युवा संगठनों तथा एनएसएस एवं एनसीसी के स्वयंसेवकों आदि के द्वारा भी लोगों की सहायता एवं सेवा की जा रही है। ये संस्थाएँ एवं संगठन जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलिंडर एवं अन्य आवश्यक सामग्रियाँ, दवाएं तथा भोजन आदि उपलब्ध करा रही हैं।

कुलपति ने कहा कि हम सबों को मिलकर कोरोना संकट का सामना करना है। हमें साहस, धैर्य एवं विवेक से काम लेते हुए कोरोना से जंग जीतना है। इसलिए सभी अपना एवं अपने परिजनों के स्वास्थ्य का ख्याल रखें और जहाँ तक संभव हो सके जरूरतमंदों की मदद करें।

कुलपति ने कहा कि हमें याद रहे कि विपदा की घड़ी में व्यक्तिगत एवं सामाजिक अनुशासन ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच होता है और परहेज हमेशा इलाज से बेहतर रहता है। अतः
सभी लोग केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित सभी दिशानिर्देशों (एसओपी) का शत-प्रतिशत पालन करें। सभी लोग नियमित रूप से साबुन या सेनेटाइजर से हाथ धोते रहें और हमेशा मास्क का प्रयोग करें। साथ ही बेवजह घरों से नहीं निकलें और एक-दूसरे से भौतिक दूरी (सोशल/ फिज़िकल डिस्टेंशिंग) बनाए रखें।

कुलपति ने सभी लोगों के स्वस्थ, प्रसन्न एवं मंगलमय जीवन की कामना की है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही कोरोना हारेगा और मानवता की जीत होगी।

अंत में सबों ने दो मिनट का मौन रखकर कोरोना के कारण दिवंगत हुए लोगों की आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की और कोरोना पीड़ितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई।

इस अवसर पर कुलानुशासक डाॅ. विश्वनाथ विवेका, सीसीडीसी डाॅ. इम्तियाज अंजूम, कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद, महाविद्यालय निरीक्षक (कला एवं वाणिज्य) डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डाॅ. अशोक कुमार सिंह, (निदेशक) अकादमिक डाॅ. एम. आई. रहमान, उप कुलसचिव (अकादमिक) डाॅ. सुधांशु शेखर आदि उपस्थित थे।

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