BNMU। प्रकृति के कदमों में है जन्नत : प्रधानाचार्य

प्रकृति के कदमों में है जन्नत : प्रधानाचार्य

प्रकृति के कदमों में ही जन्नत है। प्राकृति के सानिध्य में बिताया गया एक क्षण मनुष्यों के भीड़ में बिताए गए सैकड़ों वर्ष से श्रेयष्कर है। यह बात प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने कही।

वे शनिवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में बोल रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मुख्य शाखा, मधेपुरा के तत्वावधान में किया गया।

प्रधानाचार्य ने बताया कि ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय पहले से भी हरा-भरा परिसर है। इसमें हमारे पूर्वजों ने काफी पौधे लगाए थे. उनमें से कई पौधे आज विशाल वृक्ष का रूप ले चुके हैं। अब पूरा महाविद्यालय पेड़-पौधों से अच्छादित कर दिया गया है।

प्रधानाचार्य ने कहा कि हम न केवल महाविद्यालय परिसर, बल्कि अपने घर-आंगन को भी हराभरा बनाने हेतु प्रतिबद्ध हों. हम सब कम-से-कम दस वृक्ष लगाएं और उसकी सुरक्षा एवं देखभाल भी करें।

इस अवसर पर मुख्य शाखा प्रबंधक राजेश कुमार ने कहा कि एसबीआई का हमेशा सामाजिक सरोकार रहा है और पर्यावरण संरक्षण इसका अभिन्न अंग है।

उन्होंने कहा कि मनुष्यों को वृक्षों से प्रेरणा लेनी चाहिए। वृक्ष हमेशा दूसरों के लिए जीते हैं। वे हमसे कुछ नहीं लेते हैं और हमें अपना सब कुछ देते रहते हैं। वृक्ष जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत हमारे साथ रहते हैं। हमें वृक्षों से प्राणवायु ऑक्सिजन से लेकर सुगंधित पुष्प, रसदार फल और स्वास्थ्यवर्धक औषधियाँ तक सैकड़ों चीजें प्राप्त होती हैं।

उप शाखा प्रबंधक मेराज अहमद ने कहा कि वृक्ष का हमारे जीवन में अत्यंत महत्व है। एक वृक्ष अपने जीवन में करोड़ों रूपए का ऑक्सिजन देता है। उन्होंने कहा कि वृक्ष लगाना प्रकृति-पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ मानव सभ्यता-संस्कृति के संरक्षण के लिए भी जरूरी है। वृक्ष के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती हैै।

इस अवसर पर डाॅ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, डाॅ. ए. के. मल्लिक, डाॅ. अशोक कुमार अकेला, राजेश घोष आदि उपस्थित थे।