BNMU कुलपति एवं प्रति कुलपति ने दीं हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएँ। गौरवशाली है हिंदी पत्रकारिता का सफर : कुलपति। इंटरनेट के युग में भी कायम है हिंदी पत्रकारिता की लोकप्रियता : प्रति कुलपति।

हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएँ

गौरवशाली है हिंदी पत्रकारिता का सफर : कुलपति

इंटरनेट के युग में भी कायम है हिंदी पत्रकारिता की लोकप्रियता : प्रति कुलपति

हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आर. के. पी. रमण एवं प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आभा सिंह ने सभी मीडियाकर्मियों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।

दोनों पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर हिंदी पत्रकारिता के आधार स्तंभ पंडित युगल किशोर शुक्ल को नमन किया है, जिन्होंने 30 मई, 1826 को उदंत मार्तंड नामक हिंदी साप्ताहिक की शुरूआत की थीं। साथ ही हिंदी पत्रकारिता को आगे बढ़ाने वाले अन्य महापुरूषों के प्रति भी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की है।

कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आर. के. पी. रमण ने कहा है कि खबरपालिका (पत्रकारिता) लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। यह लोकतंत्र को मजबूत बनाने और इसे आगे बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम है। विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका के समुचित एवं सुव्यवस्थित संचालन में इसकी अहम भूमिका है।

कुलपति ने कहा है कि भारत में हिंदी पत्रकारिता का सफर काफी गौरवशाली रहा है। लगभग 190 वर्षों के सफर में हिंदी पत्रकारिता समाज का मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत रहा है। इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक भारत के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कुलपति ने कहा है कि पत्रकारिता नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें उनके कर्तव्यों का भी बोध कराता है। यह देश के नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं धार्मिक हितों की रक्षा में सुरक्षा कवच की तरह है। प्राकृतिक आपदा एवं मानवीय विपदा की घड़ी में भी मीडिया एक सजग प्रहरी की तरह कार्य करती है।

कुलपति ने कहा है कि पत्रकार सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हुए समाज को सही दिशा देते हैं। वे विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर अपने उद्देश्यों के प्रति अग्रसर होते हैं और हमेशा समाज एवं राष्ट्र के पक्ष में खड़े रहते हैं। आज वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भी मीडियाकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोनावारियर्स की तरह काम कर रहे हैं।

प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आभा सिंह ने कहा है कि 1826 से लेकर आज तक की कालावधि में विभिन्न उतार-चढ़ावों के बीच भी हिंदी पत्रकारिता का सतत प्रवाह जारी है। आज इंटरनेट के युग में भी हिंदी अखबारों एवं पत्र-पत्रिकाओं तथा न्यूज चैनलों की लोकप्रियता कायम है।

प्रति कुलपति ने कहा कि हिंदी भाषा को लोकप्रिय बनाने में मीडिया ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज हिंदी न केवल भारत, वरन पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रही है। आज सबों को यह महसूस होने लगा है कि हिंदी ही संपूर्ण भारत को जोड़ने वाली भाषा है।

प्रति कुलपति ने कहा है कि भारत के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों की समस्याओं को सामने लाने तथा उसका समाधान करने और समाज को एकजुटता प्रदान करने में पत्रकारिता का महती योगदान रहा है। आशा है कि आगे भी हिंदी पत्रकारिता सकारात्मकता एवं सृजनात्मकता के साथ आगे बढ़ती रहेगी।

कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद ने कहा कि मीडिया के साथ जनता की अपेक्षाएं एवं आकांक्षाएं जुड़ी हैं। मीडिया समाज के सभी क्षेत्रों से जुड़ा है और जीवन का कोई भी आयाम इससे अछूता नहीं है।

जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने सभी मीडियाकर्मियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय के विकास में सभी पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। पत्रकारों के सहयोग से ही वे सीमित संसाधनों के बावजूद जनसंपर्क पदाधिकारी के दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर पा रहे हैं।