LNMU। शोध प्रबंधन में साहित्यिक चोरी रोकने के लिए उठाया कदम

एलएनएमयु : शोध प्रबंधन में साहित्यिक चोरी रोकने के लिए उठाया कदम

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविाद्यालय में पीएचडी शोध प्रबंध में साहित्यिक चोरी रोकने हेतु अब सख्ती से एण्टीप्लैगियरिज्म सोफ्टवेयर लागू किया जाएगा। अधिकृत रूप से दी गई जानकारी के अनुसार कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई परीक्षा परिषद् की आपात बैठक में उक्त आशय के एक प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया। पीएचडी रेगुलेशन 2016 एवं रेगुलेशन 2018 में शोध प्रबंध में साहित्यिक चोरी रोकने हेतु नियमावली बनी थी। आरंभ में शोधार्थी एवं पर्यवेक्षक को शोध प्रबंध के साथ इस आशय का प्रमाण पत्र संलग्न करना था। परन्तु यूजीसी ने इसको सख्ती से लागू करने के लिए जो नियमावली बनाई है, उसमें एक निश्चित सीमा से अधिक नकल पकड़े जाने पर दंड का प्रावधान है। शोध की गुणवत्ता एवं शैक्षणिक उन्नयन की दृष्टिकोण से इसे कड़ाई से अनुपालन किये जाने का सर्वसम्मति निर्णय लिया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक शोध प्रबंध को शोधगंगा पर अपलोड किया जायगा। उसके बाद उसे एण्टी प्लेगरियरिज्म सोफ्टवेयर से जांचने के बाद ही अभ्यर्थी शोध प्रबंध जमा कर सकेंगे। कुलपति ने सदस्यों से कहा कि इसे लागू करने से पहले विश्वविद्यालय में इस विषय पर एक वर्कशॉप आयोजित करने की आवश्यकता है। जिसमें सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं शोधार्थी उपस्थित रहेंगे। परीक्षा नियंत्रक को निर्देशित किया गया कि दिसंबर 2020 के अन्तिम सप्ताह में वर्कशॉप आयोजित करने की दिशा में पहल करें। यह महसूस किया गया कि इस सोफ्टवेयर से जांच करने हेतु सभी शोध प्रबन्ध यूनीकोड फ्रोंट में टाईप होनी चाहिए। विश्वविद्यालय पुस्तकालय में इसका केन्द्र स्थापित किया जायगा। जिसके प्रभारी प्राचार्य विकास पदाधिकारी प्रो. के.के. साहू होंगे। इसे नये वर्ष में एक जनवरी 2021 से लागू किए जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो. डौली सिन्हा, संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो. शीला, संकायाध्यक्ष समाजिक विज्ञान प्रो. गोपी रमण प्रसाद सिंह, संकायाध्यक्ष मानविकी प्रो. प्रीति झा, संकायाध्यक्ष ललित कला संकाय प्रो. पुष्पम नारायण, अध्यक्ष छात्र कल्याण डा. अशोक कुमार झा, प्रो. रतन कुमार चौधरी, विकास पदाधिकारी प्रो. के. के. साहू, परीक्षा नियंत्रक डा. सत्येंद्र नारायण राय, उप परीक्षा नियंत्रक तृतीय डा. आनंद मोहन मिश्रा उपस्थित थे।