Poem। कविता /अपनी तलाश में …/अंजलि आहूजा

अपनी तलाश में हम मीलों चलते चले
रास्ते ले चले कभी, कभी हम उन्हें ले चले।
कई नातों रिश्तों में तलाशा स्वयं को
हर रिश्ते ने जुदा मैं से मिलाया मैं को।
सखियों, सहेलियों दोस्तों ने भी मिलाया कई बार
लगा कि कुछ ढूँढ लिया, ढूँढना है किन्तु अपार।
हर रूप में ख़ुद को पाया अलग बहुत ही अलग
कितने हैं आयाम मेरे, क्या मैं भी हूँ ये जानी।
सफ़र लंबा चला है, मंज़िल भी है उस पार
न जाने कैसे हो आत्म साक्षात्कार
जान सकूँ मैं भी स्वयं का रूप साक्षात्।

परिचय

अंजलि आहूजा ने अध्यापन कार्य से शिक्षा क्षेत्र में क़दम रखा। दिल्ली एवं गुड़गॉव के कई शिक्षा संस्थानों में शिक्षण कार्य करते हुए प्रिंसिपल के पद पर सेवारत रहीं। NET, B.Ed योग्यता प्राप्त करने के साथ विधि विज्ञान   (Forensic Science) की परा स्नातक शिक्षा प्राप्त की है। कैरियर काउंसिलंग, सॉफ़्ट स्किल ट्रेनिंग, टीचर ट्रेनिंग के साथ साथ वह प्रोफ़ेशनल ट्रेनिंग फ़ॉर एडवॉसमेंट के मॉड्यूल का भी सफलतापूर्वक संचालन करती रहीं हैं। लेखन की तरफ़ उनका रूझान कलात्मक अभिरुचि को इंगित करता है जो अंतरतम की अभिव्यक्ति है।

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