याद किए गए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) तथा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के संयुक्त तत्वावधान में 16 अगस्त, 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 8वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि भारतीय राजनीति में वाजपेयी जैसा व्यक्तित्व दुर्लभ है। वे पूरे देश में लोकप्रिय थे और विरोधी दलों के नेता भी उनका सम्मान करते थे।
उन्होंने कहा कि वाजपेयी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्हें एक राजनेता के साथ-साथ कवि एवं पत्रकार के रूप में भी हमेशा याद किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता विकास पदाधिकारी प्रमुख ललन प्रसाद अद्री ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के अद्वितीय नक्षत्र थे। उन्होंने तीन बार भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला।
उन्होंने बताया कि वाजपेयी पहले 13 दिन के लिए 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक। फिर लगातार दो बार 8 महीने के लिए 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 और फिर 13 अक्टूबर 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमन्त्री रहे।
कार्यक्रम की संचालन करते हुए एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद देश में चारित्रिक गिरावट आई और धीरे-धीरे आदर्शों का अभाव हो गया है। ऐसे में वाजपेयी राजनीति में सुचिता एवं राष्ट्रसेवा के आदर्श प्रतीक के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने जय जवान, जय किसान एवं जय विज्ञान का नारा दिया और विकसित भारत की नींव रखी। उनकी नीतियों को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। हम सभी इस लक्ष्य को पूरा करने में अपना सर्वोत्तम योगदान दें। यही वाजपेयी के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्डु कुमार ने कहा कि वाजपेयी युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं।
इसके पूर्व सभी उपस्थित लोगों ने अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की।
इस अवसर पर प्रधान सहायक नारायण ठाकुर, बीएड विभाग के विवेकानंद, महेश कुमार, मोती कुमार, सुनील कुमार आदि उपस्थित थे।