*टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत होंगे कार्यक्रम*
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 9 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमबीए) के रूप में एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया है। यह पहल राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का एक हिस्सा है। बिहार के माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का दृढ़ विश्वास है कि विश्वविद्यालय कमजोर रोगियों को समय पर पोषण सहायता और देखभाल प्रदान करके बिहार को टीबी मुक्त राज्य की ओर ले जाने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
इस कड़ी में बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने सभी स्नातकोत्तर विभागों तथा सभी अंगीभूत, संबद्ध एवं निजी महाविद्यालयों में टीबी मुक्त भारत अभियान चलाने का निदेश दिया है। कुलपति के निदेशानुसार राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने सभी संबंधितों को पत्र-प्रेषित किया है। पत्र में बताया गया है कि बिहार ने टीबी उन्मूलन अभियान में सराहनीय प्रगति की है। हालांकि, पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने और उपचाराधीन रोगियों की देखभाल की निरंतरता को मजबूत करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों का समर्थन महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा भी सभी विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित निक्षय मित्र वेब पोर्टल पर पंजीकरण करके इस कार्यक्रम के तहत समर्थन बढ़ाने का आग्रह किया गया है। इस ढांचे के तहत, संस्थान टीबी रोगियों को बिहार भर में अपने संबंधित भौगोलिक स्थानों में क्षमता के आधार पर न्यूनतम 6 महीने से अधिकतम 3 साल के लिए प्रति मरीज प्रति माह दो हजार पांच सौ से दो हजार सात सौ रुपए पोषण सहायता प्रदान करने के लिए गोद ले सकते हैं।