*अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग शिविर का आयोजन*
—-
योग विश्व को भारतीय संस्कृति की बहुमूल्य देन है। इसके कारण ही भारत दुनिया में विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। आज पुनः हम योग के माध्यम से ही भारत एवं विश्व का कल्याण कर सकता हैं।
यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने कही। वे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार को प्रशासनिक परिसर में आयोजित योग संगम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना तथा ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कुलपति ने कहा कि योग भारतीय दर्शन, संस्कृति एवं परंपरा में आदिकाल से शामिल है। हजारों वर्ष पूर्व भी भारत में योग की विभिन्न पद्धतियों का उल्लेख मिलता है।
कुलपति ने कहा कि योग एक विशिष्ट विज्ञान है। यह हमारी सभी बाह्य एवं आंतरिक कमियों को दूर कर हमारे व्यक्तित्व को संतुलित बनाता है।
उन्होंने कहा कि योग पूरी तरह निरापद एवं कारगर है। कई बार जहां हमारा आधुनिक विज्ञान असफल हो जाता है, वहां भी हमारा योग सफल साबित होता है। हम योग एवं आयुर्वेद को अपनाकर दीर्घकाल तक स्वस्थ-सानंद जीवन जी सकते हैं।
कुलपति ने कहा कि योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए भारत सरकार एवं विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी भूमिका निभाई है। भारत सरकार के ही प्रस्ताव पर वर्ष 2015 से वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरूआत हुई है। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय स्तर पर भी प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता रहा है।
कुलपति ने कहा कि आज पूरी दुनिया योग की ओर आकर्षित है। हमें भी अपनी युवा पीढ़ी को योग एवं आयुर्वेद जैसी पारंपरिक विरासत से जोड़ने की जरूरत है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि वर्तमान कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय निरंतर गतिशील है। योग संगम का भव्य आयोजन उसी की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस वर्ष का विषय एक पृथ्वी- एक स्वस्थ के लिए योग रखा गया है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि एनएसएस के माध्यम से युवाओं को योग से जोड़ा जा रहा है। एनएसएस की सभी इकाइयों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा सात दिवसीय विशेष शिविर के दौरान योगाभ्यास को अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके पूर्व कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत मंत्रोच्चार के माध्यम से हुई। योग शिक्षिका सपना जायसवाल एवं योग शिक्षक राकेश कुमार भारती ने उपस्थित जनसमूह को योगाभ्यास कराया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी, डीएसडब्ल्यू डॉ. अशोक कुमार सिंह, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार मल्लिक, कुलानुशासक डॉ. विमल सागर, प्रो. नरेश कुमार, डॉ. सुनील कुमार, ले. गुड्डु कुमार, डॉ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. शंकर कुमार मिश्र, शंभू नारायण यादव, डॉ. रंजन यादव आदि उपस्थित थे।