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ICPR कॉलेज कैम्पस : ‘स्टडी सर्किल’ के तहत एक वर्ष में होंगे बारह व्याख्यान।

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कॉलेज कैम्पस : ‘स्टडी सर्किल’ के तहत एक वर्ष में होंगे बारह व्याख्यान।

—–                                                          मधेपुरा। बीएनएमयू, मधेपुरा की अंगीभूत इकाई ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में अगले एक वर्ष (नवंबर 2024 से अक्टूबर 2025 तक) में बारह व्याख्यान आयोजित होगा।‌ यह कार्यक्रम भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित है। 

कार्यक्रम के आयोजन सचिव सह स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि ‘स्टडी सर्कल’ (अध्ययन मंडल) आईसीपीआर की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत एक वर्ष तक प्रत्येक माह एक पूर्व निर्धारित विषय पर ऑनलाइन-ऑफलाइन व्याख्यान तथा संवाद होता है।

उन्होंने बताया कि शनिवार (30 नवंबर, 2024) को स्टडी सर्किल का प्रथम व्याख्यान निर्धारित है। इसके मुख्य वक्ता अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर होंगे। वे वेदांती समाज दर्शन विषय पर व्याख्यान देंगे।

*कौन है डॉ. जटाशंकर ?*

डॉ. जटाशंकर ने सितंबर 1980 में दर्शनशास्त्र विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज में व्याख्याता के रूप में योगदान दिया और फरवरी 2018 में प्रोसेसर एवं पूर्व अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इस बीच वे विश्वविद्यालय के कुलानुशासक (2006-2012) भी रहे। आप

वर्ष 2000 में अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के उपाध्यक्ष बने और वर्ष 2013 से अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। आपके नेतृत्व में ‘परिषद्’ की गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं और इसमें कई नए आयाम भी जुड़े हैं। जून 2014 में स्वामी नारायण ट्रस्ट, लंदन (इंग्लैंड) में ‘परिषद्’ का एक अंतरिम अधिवेशन भी आयोजित हुआ।

डॉ. जटाशंकर की पुस्तक ‘वेदांती समाजवाद’ (1999) काफी चर्चित रही है। इसके लिए आपको ‘परिषद्’ का प्रतिष्ठित स्वामी प्रणवानंद दर्शन पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है। आपकी पुस्तक ‘नीति दर्शन के विविध आयाम’ (2003) भी शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के बीच समादृत है। आप ‘दर्शन के आयाम’ (श्रीप्रकाश दुबे अभिनंदन ग्रंथ) (2012), ‘डायमेनशंस ऑफ फिलॉसफी’ (फेलिसिटेशन वाल्यूम ऑफ एस. पी. दुबे) (2012) और ‘अनुप्रयुक्त दर्शन एवं नीतिशास्त्र के आयाम (डॉ. रमेशचंद्र सिन्हा अभिनंदन ग्रंथ)’ (2013) प्रमुख हैं। आपके अनगिनत विद्यार्थी प्रोफेसर बनकर दर्शनशास्त्र की सेवा कर रहे हैं और सौ से अधिक विद्यार्थी आईएएस, आईपीएस एवं पीसीएस अधिकारी हैं।

*पहले भी हो चुके हैं बारह संवाद*

डॉ. शेखर ने बताया कि महाविद्यालय में इसके पूर्व अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक स्टडी सर्किल कार्यक्रम के तहत विभिन्न विषयों पर सफलतापूर्वक बारह संवादों का आयोजन किया जा चुका है। इन संवादों के वक्ता क्रमशः प्रो. रमेशचन्द्र सिन्हा (नई दिल्ली), प्रो. जटाशंकर, (प्रयागराज), प्रो. एन. पी. तिवारी (पटना), प्रो. इंदु पांडेय खंडुरी (गढ़वाल), डॉ. आलोक टंडन (हरदोई), प्रो. पूनम सिंह (पटना), डॉ. मनोज कुमार (वर्धा), माधव तुरूमेला (लंदन), डॉ. गोविन्द शरण उपाध्याय (नेपाल), प्रो. सच्चिदानंद मिश्र (नई दिल्ली), प्रो. सभाजीत मिश्र (गोरखपुर) और जैविक नारीवाद (प्रो. नीलिमा सिन्हा) थीं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान सत्र के सभी बारह व्याख्यानों के लिए वक्ताओं का नाम भी तय कर लिया गया है। उन लोगों से संपर्क कर समय एवं विषय आदि का निर्धारण किया जाएगा।

*ऑनलाइन लिंक* :

https://meet.google.com/zkt-fqqj-ctb

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