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BNMU : दर्शन परिषद्, बिहार के तत्वावधान में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) में 24 अगस्त, 2020 (सोमवार) के कार्यक्रम का विवरण

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दर्शन परिषद्, बिहार के तत्वावधान में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) में
दिनांक : 24 अगस्त, 2020 (सोमवार)

गूगल मीट लिंक : https://meet.google.com/puz-sbno-xap (केवल अतिथियों एवं आमंत्रित वक्ताओं के लिए)

राष्ट्रीय सेमिनार/ वेबिनार

विषय : कोरोना का अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण पर प्रभाव

समय : (10.30 am से 6.00 pm)

कार्यक्रम विवरण

10.30-1040 : पौधारोपण

10.40-10.45 : पुष्पांजलि

10.45-10.50 : वंदना

10. 50-10.55 : स्वागत गीत

1. 10.55-11.00 : स्वागत भाषण

2. 11.00-11.15 : प्रो. (डॉ.) जटाशंकर, अध्यक्ष, अखिल भारतीय दर्शन परिषद्, प्रयागराज

3. 11.15-11.35 : प्रो. (डॉ.) ज्ञानंजय द्विवेदी, कुलपति

4. 11.35-11.55 : प्रो. (डॉ.) बी. एन.ओझा, अध्यक्ष, दर्शन परिषद्, बिहार

5. 11.55-12.15 : डाॅ. श्यामल किशोर, महामंत्री, दर्शन परिषद्, बिहार

6. 12.15-12.45 : डॉ. गीता दूबे, स्कॉटिश चर्च महाविद्यालय, कोलकाता, प. बंगाल

7. 12.45-01.15 : प्रो. (डॉ.) राकेश कुमार, अध्यक्ष, शिक्षा संकाय, तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार

8. 01.15-01.40: Prof. Himanshu Shekhar,
Professor and Head,
Univ. Dept. of Economics, L. N. Mithila University, Darbhanga, Bihar

9. 01.40-02.05: Prof. N. K Agarwal
Professor and Head,
Univ. Dept. of Mathematics,
L. N. Mithila University, Darbhanga, Bihar

10. 02.05- 0 2. 30 : प्रो. (डॉ.) सोहनराज तातेड़, पूर्व कुलपति सिंघानिया विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान

11. 02.30-02.55: CS Pooja Shukla, Company Secretary, Ranchi, Jharkhand

12. 02.55-03.25 प्रो. (डॉ.) कुसुम कुमारी, प्रति कुलपति, मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर, बिहार

13. 03.25-03.50 : डाॅ. रमेशचंद्र सिन्हा, अध्यक्ष भारतीय दार्शनिक
अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली

14. 03.50-04.20 : प्रो. (डाॅ.) आर. के. पी. रमण, अध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान संकाय, बीएनएमयू, मधेपुरा, बिहार

15. 04.20-04.40 : Dr Anil Thakur, Assistant Professor, Dept. of Economics, A. S. College, Deoghar, Jharkhand

16. 04.40-05.00 : डॉ. नवलता,
असिस्टेंट प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग,
आर. डी. कॉलेज, शेखपुरा, मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर, बिहार

17. 05.00-05.20 : फौज़िया रहमान, असिस्टेंट प्रोफेसर, स्नातकोत्तर भूगोल विभाग, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, बिहार

18. 05.20-05.55 : प्रो. (डॉ.) विजय कुमार, अध्यक्ष, गाँधी विचार विभाग, तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार

19. 05.55-06.00 : धन्यवाद ज्ञापन

नोट : कार्यक्रम में पूरे समय जुड़े रहना जरूरी नहीं है। समय पर अपना वक्तव्य देकर लिंक डिस्कनेक्ट कर सकते हैं। आगे भी सहयोग एवं मार्गदर्शन अपेक्षित है। कोई असुविधा हो, तो नि:संकोच 9934629245 पर काॅल करें। बहुत-बहुत आभार।

निम्न लिंक पर क्लिक कर 21 अगस्त, 2020 को आयोजित सेमिनार का सर्टिफिकेट प्राप्त करें।https://forms.gle/wVYHqR6HsP4iRsz96

कृपया, हमारे अन्य कार्यक्रमों में भी भाग लेने का कष्ट करें। विवरण निम्नवत है- 24 अगस्त, 2020 : कोरोना का अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण पर प्रभाव

28 अगस्त, 2020 : कोरोना का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

03 सितंबर, 2020 : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध आयाम

07 सितम्बर, 2020 : भारतीय शिक्षा व्यवस्था : कल, आज और कल

11 सितंबर 2020 : पोषण, स्वास्थ्य एवं साक्षरता

16 सितंबर, 2020 : शिक्षा, समाज एवं शांति

21 सितंबर, 2020 : भाषा, साहित्य एवं संस्कृति

24 सितंबर, 2020 : पोषण, पर्यावरण एवं पंचायत

28 सितंबर, 2020 : सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र-निर्माण

03 सितंबर, 2020 : पोषण, स्वास्थ्य एवं साक्षरता

16 सितंबर, 2020 : शिक्षा, समाज एवं शांति

21 सितंबर, 2020 : भाषा, साहित्य एवं संस्कृति

24 सितंबर, 2020 : पोषण, पर्यावरण एवं पंचायत

28 सितंबर, 2020 : सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र-निर्माणप्रतिभागी एक ही बार पंजीकरण कराकर सभी कार्यक्रमों में भाग लिया जा सकता है। बार-बार पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है।

सभी सक्रिय प्रतिभागियों को फीडबैक फार्म के आधार पर
नि:शुल्क ई. सर्टिफिकेट दिया जाएगा। फीडबैक फार्म प्रत्येक कार्यक्रम के अंत में जारी किया जाएगा।

सभी चयनित आलेखों को नि:शुल्क ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल बीएनएमयू संवाद और आईएसबीएन युक्त पुस्तक में प्रकाशित किया जाएगा।

सेमिनार/ वेबिनार का यू-टयूब चैनल बीएनएमयू संवाद YouTube.com/bnmusamvad पर सीधा प्रसारण होगा।

प्रतिभागियों को इस चैनल को सब्सक्राइब करना आवश्यक है। सभी आवश्यक जानकारी (लिंक, फ़ीडबैक फॉर्म आदि) भी इस चैनल पर ससमय प्रसारित की जाएगा

यदि आपने पंजीयन नहीं कराया है, तो आप अभी निम्न लिंक पर क्लिक कर पंजीयन कराएँ-

https://forms.gle/eg9NcSf2Re1s91cN7

 

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दिनाँक 2 से 12 फरवरी, 2025 तक भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, दिल्ली में “जैन परम्परा में सर्वमान्य ग्रन्थ-तत्त्वार्थसूत्र” विषयक दस दिवसीय कार्यशाला का सुभारम्भ।

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