संकल्प लेने का दिन है स्वतंत्रता दिवस : कुलपति

लंबे संघर्ष, त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। हमने अंग्रेजी हुकूमत की दासता से मुक्ति पाई। आज का दिन देश के अनगिनत ज्ञात-अज्ञात शहीदों को नमन करने का दिन है। यह दिन है संकल्प लेने का कि हम अपनी आजादी को हरगिज मिटने नहीं देंगे।

यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रोफेसर डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कही। वे 74 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के दीक्षांत स्थल पर झंडोत्तोलन के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुभाष चंद्र बोस, सरदार बल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, भीमराव अंबेडकर साहित सैकड़ों सेनानियों ने अपनी-अपनी तरफ से योगदान दिया। हमारे मधेपुरा की धरती से भी शहीद चुल्हाय, भूपेंद्र नारायण मंडल एवं अन्य सेनानियों ने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि आजादी कोई एक घटना नहीं है। बल्कि आजादी एक मूल्य है। हमारी भारतीय परंपरा में आजादी को स्वराज कहते हैं। अपने मन का राज स्वराज है। यह स्वच्छंदता नहीं है, बल्कि यह जिम्मेदारियों का एहसास है।

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों की भी चर्चा की गई है। हमें अपने-अपने कर्तव्यों का सम्यक् निर्वहन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय पिछड़े क्षेत्र में अवस्थित है। यहां संसाधनों का घोर अभाव है। हम आपसे यह नहीं कह रहे हैं कि हम विश्वविद्यालय के लिए बहुत बड़ा काम कर देंगे और हम आपको भी कोई बड़ा असंभव काम करने नहीं कह रहे हैं। लेकिन हम इतना अवश्य कहेंगे कि हम जो कर सकते हैं हमे उतना अवश्य करेंगे अंर आप भी जो कुछ बेहतर कर सकते हैं, अवश्य करें। हम सभी सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। हम अपनी अपनी जिम्मेदारियों का पालन करेंगे, तो निश्चित रूप से हमारे विश्वविद्यालय का विकास होगा।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता हमें अनुशासन देती है और यह अनुशासन हमें खुद अपने अंदर से विकसित करना होता है। यदि किसी देश या किसी संस्थान में अनुशासन का अभाव होगा, तो वह देश या संस्थान नहीं चल सकता है। अनुशासन का तकाजा है कि सभी अपने-अपने दायरे में रहें और अपने निर्धारित कार्यों को अच्छे ढंग से करें।

उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति श्री फागू चौहान साहेब के आदेशानुसार मैंने 29 मई, 2020 कुलपति का पदभार प्रभार ग्रहण किया। तब से मैं अपनी क्षमतानुसार आप सबों के सहयोग से इस विद्यालय के हित में कार्य कर रहे हैं। लाॅकडाउन की अवधि में हम सबों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी हम आप सबों के सहयोग से विश्वविद्यालय के हित में कार्य कर रहे हैं। इसके लिए मैं सभी सहयोगियों को धन्यवाद देता हूँ।

उन्होंने हाल के दिनों में किए गए कुछ कार्यों का जिक्र किया-

1. हम महामहिम के निर्देशानुसार ऑनलाइन इंटरएक्टिव क्लास को गति देने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वरीय संकायाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई है। मैं आज के इस पावन अवसर पर अपने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों से अपील करता हूं कि वे ऑनलाइन इंटरएक्टिव क्लास में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। साथी ही मैं सभी शिक्षकों से यह कहना चाहता हूं कि आप मुख्यालय में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें और प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष की अनुमति के बगैर मुख्यालय नहीं छोड़े।

2. हमारे विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान हेतु हमें राशि प्राप्त हो चुकी है। शीघ्र ही उनका मानदेय भुगतान किया जाएगा।

3. शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। शिक्षकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हमने आवेदन जमा करने की तिथि 20 सितंबर 2020 तक बढ़ा दी है।

4. हम चाहते हैं हमारे विश्वविद्यालय का नैक मूल्यांकन हो। इसके लिए हम शीघ्र ही आइक्यूएसी का पुनर्गठन करने जा रहे हैं। आप सबों से अनुरोध है कि नैक मूल्यांकन को एक मिशन के रूप में लें। आज हम शपथ लें कि विश्वविद्यालय का नैक मूल्यांकन कराए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे।

5.लॉक डाउन की अवधि में हमारे विश्वविद्यालय के आरएम कॉलेज, सहरसा में दो वेबीनारों का आयोजन किया गया। आगे 21 अगस्त से ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में 10 वेवीनार की श्रृंखला आयोजित होगी। इसके अलावा हम विश्वविद्यालय स्तर पर शीघ्र ही नई शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों पर एक परिचर्चा का भी आयोजन करने जा रहे हैं।

6. गत दिनों ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में संस्थापक महामना कीर्ति नारायण मंडल की जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उस कार्यक्रम में यह प्रस्ताव आया है कि विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस का नाम कीर्ति नारायण मंडल के नाम पर किया जाए। हम शीघ्र ही इस प्रस्ताव को मूर्त रूप देंगे।

7. हमने गत दिनों अपने विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. महावीर प्रसाद यादव की पुण्यतिथि समारोह का आयोजन किया। उस दौरान हमने या निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय स्तर पर एक कमेटी बनाई जाए, जिसके माध्यम से आगे हम विभिन्न महापुरुषों की जन्मतिथि एवं पुण्यतिथि पर कार्यक्रमों आयोजन करेंगे।महापुरुषों की प्रतिमा स्थल पर उनकी सूक्तियों का भी अंकन किया जाएगा।

8. विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिए हम पीएचडी कोर्स वर्क 2019 के परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि विस्तारित करने जा रहे हैं। इस विस्तारित तिथि में विद्यार्थियों को कोई भी विलम्ब दंड नहीं लगेगा। जल्द ही पीएटी 2020 के लिए भी आवेदन आमंत्रित किया जाएगा।

9. विश्वविद्यालय के जिन विषयों में पद सृजित नहीं है, उसके पद सृजन हेतु हम स्वयं लोक डॉन की समाप्ति के बाद पटना जाकर सरकार के अधिकारियों से बात करेंगे।

10. हमारे विश्वविद्यालय में चार डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई लंबे समय से प्रक्रियाधीन है। हम उस प्रक्रिया को पूरा करना चाहते हैं। इसके लिए भी ठोस प्रयास किए जाएंगे। शीघ्र ही विश्वविद्यालय में जर्नलिज्मएंड मास कम्युनिकेशन, योगा थेरेपी, स्ट्रेस मैनेजमेंट एवं डिजास्टर मैनेजमेंट की पढ़ाई शुरू होगी। एमबीए, एमसीए एवं गांधी विचार की पढ़ाई शुरू करने का भी प्रयास किया जाएगा।

11.विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से राज्य में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने वाली है। हम चाहते हैं कि इसमें हमारे विश्वविद्यालय के अधिकाधिक विद्यार्थी सफल हों। इसके लिए हमने एकेडमिक शाखा को गति देने का निर्णय लिया है। सभी अभ्यर्थियों के लिए पीएचडी का 5 पॉइंट सर्टिफिकेट शीघ्र ही जारी होने लगेगा।आयोग की मांग को दृष्टिगत रखते हुए संबंधित डीन एवं कुलसचिव के हस्ताक्षर से प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

12. विश्वविद्यालय से एक अर्धवार्षिक शोध पत्रिका का प्रकाशन करने की योजना है। इसके लिए आप सबों से एक सार्थक नाम आमंत्रित हैं। आप सभी लिखित रूप से एक ऐसा नाम सुझाएं, जो हमारे क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान से संबंधित हो।

13. महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति ने महामहिम के निर्देशानुसार हम शीघ्र ही नए सीरे से स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। स्नातकोत्तर में नामांकन के संबंध में भी स्नातकोत्तर में नामांकन के संबंध में भी यथाशीघ्र निर्णय लिए जाएंगे।

इसके पूर्व कुलपति ने अपने आवासीय कार्यालय में भी झंडोत्तोलन किया। मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा के एनसीसी आफिसर लेफ्टिनेंट गौतम कुमार और टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के एनसीसी आफिसर गुड्डू कुमार के नेतृत्व में एनसीसी कैैडेट्स ने गार्ड आफ आनर दिया।

 

इस अवसर पर वरीय संकायाध्यक्ष प्रोफेसर आरकेपी रमण जी, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. उषा सिन्हा, डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर अशोक कुमार यादव जी, कुलानुशासक डॉ. बीएन विवेक, कुुुलसच डाॅ कपिलदेव प्रसाद, नोडल पदाधिकारी डाॅ. अशोक कुमार सिंह, एनएसएस समन्वयक डाॅ. अभय कुमार, सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव, बीएनएमभी काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. एस. ओझा, सभी पदाधिकारीगण, विभागाध्यक्षगण, परिसंपदा पदाधिकारी डॉ. गजेन्द्र कुमार, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, खेल उप सचिव डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव, छात्र नेता रंजन यादव आदि उपस्थित थे।

नार्थ कैम्पस में वरीय संकायाध्यक्ष डाॅ. आर. के. पी. रमण ने झंडोत्तोलन किया।

चुल्हाय पार्क में बीएनमुस्टा के महासचिव डाॅ. नरेश कुमार ने झंडोत्तोलन किया।

शिक्षक संघ कार्यालय में महासचिव डाॅ. अशोक कुमार ने झंडोत्तोलन किया।

रिपोर्ट
गौरब कुमार सिंह

डेविड यादव