शिक्षा का उद्देश्य है सर्वांगीण विकास
शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ परीक्षा में अंक प्राप्त करना नहीं है, बल्कि मानव का सर्वांगीण विकास है।
यह बात प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कही। वे बुधवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित अंतर महाविद्यालय साहित्यिक कार्यक्रम (लिटरेरी इवेंट्स) प्रतियोगिता के समापन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि पहले लोग कहते थे कि पढ़ोगे-लिखोगे, तो बनोगे नवाब और खेलोगे-धूपोगे, तो बनोगे खराब। लेकिन आज वह बात नहीं है। आज हम खेलकूद और कला-संस्कृति के क्षेत्र में भी अपना कैरियर बना सकते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक परिषद् के सचिव डॉ. अबुल फजल ने कहा कि भाषा अभिव्यक्ति का एक माध्यम है। अतः हमारी भाषा अच्छी होनी चाहिए। इसके लिए उच्चारण की शुद्धता एवं तथ्यों की प्रमाणिकता का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपनी बात इस तरह से कहनी है कि वह लोगों तक पूरी तरह पहुंचे। अच्छा वक्ता को अच्छा श्रोता भी होना चाहिए। कोई पूर्वाग्रह नहीं रखना चाहिए।
उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दिया कि वे अपनी भाषा को बेहतर बनाएं और लगातार संपादकीय पढ़ने से ज्ञान भी बढ़ेगा और भाषा भी अच्छी होगी।
इस अवसर पर प्रतियोगिता संपन्न
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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में बुधवार को अंतर महाविद्यालय साहित्यिक कार्यक्रम (लिटरेरी इवेंट्स) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।
वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय “सदन की राय में महिला-सशक्तिकरण
के लिए महिलाओं को सभी क्षेत्रों में कम-के-कम 35 प्रतिशत आरक्षण जरूरी है।” वाद-विवाद में आरएम कॉलेज, सहरसा की स्नेहा कुमारी एवं पूजा कुमारी की टीम ने प्रथम और टीपी कॉलेज, मधेपुरा की ममता कुमारी एवं राकेश कुमार की टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
क्विज में पांच खंडों में प्रश्न पुछे गए। इनमें भारतीय इतिहास एवं संस्कृति, भारतीय राजनीति एवं संविधान, बिहार की विरासत, क्षेत्रीय ज्ञान और समसामयिकी शामिल थे। इसमें टीपी कॉलेज, मधेपुरा की मेघा कुमारी एवं ममता कुमारी की टीम ने प्रथम और आरएम कॉलेज, सहरसा के चंद्रदीप कुमार एवं अनिल कुमार की टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
स्वत: स्फूर्त भाषण के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय, समाजवाद, राष्ट्रवाद, भारत का भविष्य, बिहार की शिक्षा-व्यवस्था, कोसी की सांस्कृतिक विरासत, बेरोजगारी समस्या एवं समाधान, आतंकवाद समस्या एवं समाधान, युवाओं के समक्ष चुनौतियां एवं आजादी का अमृत महोत्सव विषय शामिल था। इसमें आरएम कॉलेज, सहरसा के मो. शहनवाज हुसैन ने प्रथम, एमएलटी कॉलेज, सहरसा के देवानंद चौधरी ने द्वितीय और टीपी कालेज, मधेपुरा के ओम शिव रितेश झा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में अनिल कुमार, राकेश रौशन, अंकित कुमार, रिंकी कुमारी, मो. शाहनवाज हुसैन, प्रिंस रितेश आदि ने भाग लिया।
कार्यक्रम में शामिल अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों ने मोमेंटो देकर विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजुम, क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक परिषद् के सचिव डॉ. अबुल फजल, उप सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र, जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. प्रतिष्ठा कुमारी, बीएड विभागाध्यक्ष डॉ. जावेद अहमद आदि उपस्थित थे।