BNMU सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 27 जनवरी, 2022 को

*सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 27 जनवरी को*

बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में 27-28 जनवरी, 2022 को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आयाम विषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन सुनिश्चित है। आयोजन सचिव डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस सेमिनार का आयोजन स्थल ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा होगा।

*होंगे चालीस उपविषय*
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विभिन्न आयामों पर चिंतन-मंथन करेंगे। सुविधा के लिए मुख्य विषय को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद या राष्ट्रवाद से संबंधित चालीस उप विषयों में बांटा गया है। इसमें राष्ट्रवाद की भारतीय, यूरोपीय, वैदिककालीन, जैनकालीन, बौद्धकालीन, मुगलकालीन एवं ब्रिटिशकालीन अवधारणा मुख्य है। साथ ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक आयाम पर आलेख भेजे जा सकते हैं। स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, बाल गंगाधर तिलक, रवीन्द्रनाथ टैगोर, मदन मोहन मालवीय, महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, डाॅ. भीमराव अंबेडकर, वीर सावरकर एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदि के राष्ट्रवाद से संबंधित विचारों को केंद्र में रखकर भी आलेख तैयार किया जा सकता हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से जोड़कर पुनर्जागरण, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, अंतरराष्ट्रीयतावाद, भूमंडलीकरण, आजादी का अमृत महोत्सव, न्यू इंडिया @75 आदि विषय शामिल हैं।

*रामजी सिंह करेंगे उद्घाटन*

उन्होंने बताया कि सेमिनार का उद्घाटन पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गाँधीवादी विचारक पद्मश्री प्रोफेसर डाॅ. रामजी सिंह करेंगे।आईसीपीआर, नई दिल्ली के अध्यक्ष सुप्रसिद्ध दार्शनिक प्रोफेसर डॉ. रमेशचन्द्र सिन्हा मुख्य अतिथि, अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. जटाशंकर (प्रयागराज) विशिष्ट अतिथि एवं भारतीय महिला दार्शनिक परिषद् की अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. राजकुमारी सिन्हा (राँची) सम्मानित अतिथि होंगे। डाॅ. इंदु पाण्डेय खंडूरी (उत्तराखंड), डाॅ. गोविंद शरण (नेपाल) एवं माधव तुर्मेला (लंदन) मुख्य वक्ता होंगे।

*आयोजन समिति का गठन*
सेमिनार के सफल आयोजन हेतु आयोजन समिति का गठन किया गया है। कुलपति प्रोफेसर डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण प्रधान संरक्षक, प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह संरक्षक बनाए गए हैं। पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार एवं प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव स्वागताध्यक्ष की भूमिका में हैं। अन्य शिक्षकों एवं शोधार्थियों को भी अलग-अलग जिम्मेदारियाँ दी गई हैं।

*शोध-सार भेजने की अंतिम तिथि 05 जनवरी*
सेमिनार के उपलक्ष्य में प्रकाशित होने वाली स्मारिका हेतु सेमिनार के विषय एवं उपविषय से संबंधित किसी भी विषय पर शोध-सार 05 जनवरी, 2022 तक स्वीकार्य हैं। कम-से-कम पाँच सौ शब्दों का शोध-सार ई. मेल [email protected] पर भेजा जा सकता है। सिर्फ पंजीकृत प्रतिभागियों के शोध-सार हो प्रकाशित किए जाएंगे। पंजीयन शुल्क शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए 1000 रू. और शिक्षकों एवं अन्य के लिए 1500 रू. निर्धारित किया गया है।

*एसओपी का होगा पालन*

आयोजन सचिव ने बताया कि सेमिनार के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित सभी मापदंडों (एसओपी) का पालन किया जाएगा। बाह्य प्रतिभागियों की ऑफलाइन उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। गैर पंजीकृत प्रतिभागियों का प्रवेश निषिद्ध रहेगा।

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