BNMU राष्ट्रवाद पर राष्ट्रीय सेमिनार 29 नवंबर को

राष्ट्रवाद पर राष्ट्रीय सेमिनार 29 नवंबर को

बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा अंतर्गत ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में 29-30 नवंबर, 2021 को राष्ट्रवाद : कल, आज और कल विषयक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन सुनिश्चित है। इसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान वैदिककाल से लेकर कोरोनाकाल तक में राष्ट्रवाद के बदलते स्वरूप पर गहन चिंतन-मंथन करेंगे।

*रामजी सिंह करेंगे उद्घाटन*

सेमिनार के आयोजन सचिव सह जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि यह सेमिनार शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित है। इसका उद्घाटन पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गाँधीवादी विचारक पद्मश्री प्रोफेसर डाॅ. रामजी सिंह करेंगे और आईसीपीआर, नई दिल्ली के अध्यक्ष सुप्रसिद्ध दार्शनिक प्रोफेसर डॉ. रमेशचन्द्र सिन्हा मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. जटाशंकर (प्रयागराज) विशिष्ट अतिथि और भारतीय महिला दार्शनिक परिषद् की अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. राजकुमारी सिन्हा (राँची) सम्मानित अतिथि होंगे।

कुलपति प्रोफेसर डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण प्रधान संरक्षक, प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह संरक्षक बनाए गए हैं। पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी एवं दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष शोभाकांत कुमार स्वागताध्यक्ष होंगे।

*शोध-आलेख भेजने की अंतिम तिथि 20 नवंबर*

प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने बताया कि कार्यक्रम में दर्शनशास्त्र सहित किसी भी विषय के पंजीकृत शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। पंजीयन शुल्क शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए 700 रू. और शिक्षकों एवं अन्य के लिए 1000 रू. निर्धारित किया गया है।
सेमिनार के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका एवं प्रोसिडिंग्स बुक हेतु शोध-सार एवं शोध- आलेख 20 नवंबर, 2021 तक ई. मेल [email protected] पर स्वीकार किए जाएँगे।

*राष्ट्रवाद से संबंधित आलेख होंगे स्वीकार्य*
प्रधानाचार्य ने बताया कि सेमिनार में राष्ट्रवाद से संबंधित किसी भी विषय पर शोध-सार एवं शोध-आलेख स्वीकार्य हैं। इसमें राष्ट्रवाद की भारतीय, यूरोपीय, वैदिककालीन, जैनकालीन, बौद्धकालीन, मुगलकालीन एवं ब्रिटिशकालीन अवधारणा मुख्य है। साथ ही राष्ट्रवाद के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक आयाम पर आलेख भेजे जा सकते हैं। स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, रवीन्द्रनाथ टैगोर, महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, डाॅ. भीमराव अंबेडकर, वीर सावरकर एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदि के राष्ट्रवाद से संबंधित विचारों को केंद्र में रखकर भी आलेख तैयार किया जा सकता हैं। इसके अलावा राष्ट्रवाद से जोड़कर पुनर्जागरण, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, अंतरराष्ट्रीयतावाद, भूमंडलीकरण आदि अन्य विषयों पर लिखे गए आलेख भी स्वीकार्य होंगे।